नई दिल्ली/ढाका : बांग्लादेश और पाकिस्तान के बीच 15 साल बाद विदेश सचिव स्तर की बैठक हुई, जिसमें बांग्लादेश ने कई पुराने और संवेदनशील मुद्दे उठाए। साथ ही दौरान बांग्लादेश ने पाकिस्तान से 1971 में हुए अत्याचारों को लेकर सार्वजनिक माफी की मांग की। बांग्लादेश के विदेश मंत्रालय ने कहा कि इस बातचीत में दोनों देशों के बीच अब भी कई मुद्दे अनसुलझे हैं। खासतौर पर 1971 में पाकिस्तान सेना द्वारा किए गए अत्याचारों का जिक्र करते हुए बांग्लादेश ने कहा कि इन घटनाओं के लिए पाकिस्तान को आधिकारिक रूप से माफी मांगनी चाहिए।
अच्छे संबंध के लिए पुराने हल जरूरी- जसीमुद्दीन : मामले में बांग्लादेश के विदेश सचिव मोहम्मद जसीमुद्दीन ने बताया कि पाकिस्तान के साथ अच्छे और स्थायी रिश्ते बनाने के लिए पुराने मामलों का हल जरूरी है। उन्होंने कहा कि बांग्लादेश ने 4.32 अरब डॉलर के अपने वित्तीय दावे के साथ-साथ अन्य मुद्दों को भी सामने रखा। इसमें 1971 के युद्ध के दौरान बांग्लादेश छोड़ने में असमर्थ ‘फंसे हुए पाकिस्तानियों’ की वापसी और 1970 के चक्रवात में मिली विदेशी मदद के पैसे की बात भी शामिल थी।
वहीं इसके जवाब में पाकिस्तान ने भी इन मुद्दों पर बातचीत जारी रखने की इच्छा जताई है, हालांकि पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय ने इस पर कोई आधिकारिक टिप्पणी नहीं दी है। पाकिस्तान की विदेश सचिव अमना बलूच इस वार्ता में शामिल थीं।
इशाक डार का बांग्लादेश दौरा : बता दें कि पाकिस्तान के उप प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री इशाक डार इस महीने के अंत में बांग्लादेश दौरे पर आने वाले हैं। यह 2012 के बाद किसी पाकिस्तानी विदेश मंत्री की पहली आधिकारिक यात्रा होगी।बांग्लादेश का मानना है कि अगर पाकिस्तान इन मुद्दों पर गंभीरता से बात करे, तो दोनों देशों के रिश्ते एक नए और बेहतर रास्ते पर बढ़ सकते हैं।
क्या है मामला : गौरतलब है कि 1971 में बांग्लादेश पाकिस्तान से अलग होकर एक स्वतंत्र देश बना था। उस समय पाकिस्तान की सेना पर लाखों लोगों की हत्या और महिलाओं के साथ अत्याचार जैसे गंभीर आरोप लगे थे। बांग्लादेश अब भी इन मुद्दों को भूल नहीं पाया है और समय-समय पर माफी की मांग करता रहा है। हालांकि दोनों देशों ने आपसी रिश्तों को बेहतर बनाने की इच्छा भी जताई और व्यापार, कनेक्टिविटी व आपसी सहयोग जैसे विषयों पर चर्चा की।