नई दिल्ली/बीजिंग : चीन में एक ऐसी मैराथन दौड़ देखने को मिली। जिसमें इंसानों के साथ रोबोट दौड़ते नजर आए। चीन ने शनिवार को दुनिया की पहली ह्यूमनॉइड रोबोट मैराथन आयोजित की। इसमें 21 रोबोट मानव धावकों के साथ दौड़े। सड़क पर इंसानों के साथ रोबोट को दौड़ते देख लोगों की भीड़ इकट्ठी हो गई। इस दौड़ मकसद चीन की आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तकनीकों में प्रगति को दिखाना था। यह आयोजन ऐसे समय में हुआ है जब अमेरिका और चीन के बीच नई तकनीकों को लेकर मुकाबला तेज हो गया है।
दुनिया की पहली ऐसी दौड़ : चीनी सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ ने एक वीडियो फुटेज जारी कर इसे दुनिया की पहली ऐसी दौड़ बताया जिसमें कई रोबोट शामिल थे। दौड़ में काले रंग की सन हैट और सफेद दस्ताने पहने एक रोबोट सबके आकर्षण का केंद्र रहा। हालांकि, सोशल मीडिया पर कुछ वीडियो में दिखा कि कुछ रोबोट शुरुआत में ही अटक गए या गिर पड़े। बीजिंग के आर्थिक-तकनीकी विकास क्षेत्र में 21 किलोमीटर की इस दौड़ में शीर्ष विश्वविद्यालयों और फर्मों के अपने तकनीकी संचालकों के साथ 21 ह्यूमनॉइड रोबोट को दौड़ते देखना लोगों के लिए किसी अंचभे से कम नहीं था।
रोबोट की दौड़ देखने के लिए उमड़ी भीड़ : यह रोबोट अलग-अलग आकार और डिजाइन के थे। इंसानों के साथ इन रोबोट्स को दौड़ते देखकर सड़कों पर उमड़ी भीड़ ने उत्साह से इनका स्वागत किया। रोबोट्स को एक-एक करके छोड़ा गया, जिनके बीच एक मीटर से अधिक की दूरी रखी गई थी। वे एक अलग ट्रैक पर दौड़े, और जब बैटरी कम हुई, तो फॉर्मूला वन की रेस की तरह फटाफट बैटरी बदली गई। ह्यूमनॉइड रोबोट तियांगोंग अल्ट्रा ने जीता खिताब
दौड़ के आखिर में महज रफ्तार के लिए नहीं बल्कि बल्कि बेहतर सहनशक्ति, सबसे अच्छा चलने का तरीका और सबसे नवोन्मेषी रूप जैसे कई श्रेणियों में पुरस्कार दिए गए। 20 टीमों में से तियांगोंग टीम के तियांगोंग अल्ट्रा ने रोबोट वर्ग की रेस 2 घंटे 40 मिनट में पूरी कर जीत हासिल की। वहीं इंसानों की दौड़ में इथियोपिया के एलियास डेस्टा ने सिर्फ एक घंटे दो मिनट में रेस जीत ली। बीजिंग ह्यूमनॉइड रोबोट इनोवेशन सेंटर के सीईओ सीईओ जियोन यूजुन ने बताया कि यह दौड़ रोबोट्स के मुख्य एल्गोरिद्म की परीक्षा थी। उन्हें ढलानों और मोड़ों जैसे जटिल रास्तों से गुजरना पड़ा, जिससे उनकी स्थिरता, विश्वसनीयता और बैटरी प्रदर्शन का पता चला।
तकनीक की बड़ी छलांग : चाइना इलेक्ट्रॉनिक्स सोसाइटी का अनुमान है कि चीन का ह्यूमनॉइड रोबोट बाजार 2030 तक लगभग 119 अरब अमेरिकी डॉलर तक पहुंच सकता है। यिझुआंग प्रशासनिक समिति के डिप्टी डायरेक्टर लियांग लियांग ने कहा कि दौड़ पूरी कर लेना मंजिल नहीं है, लेकिन आज रोबोट्स के छोटे-छोटे कदम कल इंसानी तकनीकी तरक्की की बड़ी छलांग बनेंगे। बीजिंग मैराथन एसोसिएशन के निदेशक झाओ फ्यूमिंग ने कहा कि भविष्य में रोबोट शायद दौड़ में हिस्सा न लें, लेकिन सुरक्षा जांच या अन्य संचालन कार्यों में मदद कर सकते हैं। उन्हें उद्योग, स्वास्थ्य सेवा और शिक्षा जैसे क्षेत्रों में काम के लिए तैयार किया जा रहा है।