दिल्ली : 26/11 हमले के मास्टरमाइंड को NIA ने कोर्ट में किया पेश, 12 दिन की हिरासत बढ़ाई

taj-hotel-attack-mastermind

नई दिल्ली : पटियाला हाउस कोर्ट ने 26/11 मुंबई हमलों के आरोपी तहव्वुर हुसैन राणा की हिरासत 12 दिनों के लिए बढ़ा दी है। एनआईए की अर्जी पर सोमवार को कोर्ट ने फैसला सुनाया। राणा को उसकी 18 दिन की एनआईए हिरासत की समाप्ति पर कड़ी सुरक्षा के बीच विशेष एनआईए न्यायाधीश चंद्रजीत सिंह के समक्ष पेश किया गया।

वरिष्ठ वकील दयान कृष्णन और विशेष सरकारी अभियोजक नरेन्द्र मान द्वारा चैम्बर कार्यवाही में राष्ट्रीय जांच एजेंसी का प्रतिनिधित्व किया। वहीं दिल्ली विधिक सेवा प्राधिकरण के अधिवक्ता पीयूष सचदेवा तहव्वुर राणा का पक्ष रखा।
विज्ञापन

18 दिन की हिरासत में रह चुका है राणा : इससे पहले 11 अप्रैल को कोर्ट ने राणा को 18 दिन की हिरासत में भेजा था। इस दौरान एनआईए ने उससे 2008 के घातक हमलों के पीछे की पूरी साजिश का पता लगाने के लिए विस्तार से पूछताछ की। बता दें कि इस हमले में 166 लोग मारे गए थे और 238 से अधिक घायल हुए थे।

अमेरिका से प्रत्यर्पित कर भारत लाया गया राणा : मुंबई आतंकी हमलों के साजिशकर्ता तहव्वुर राणा को अमेरिका से प्रत्यर्पित कर भारत लाया गया। राणा को लेकर दिल्ली पहुंची राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की विशेष टीम में तीन अधिकारियों का सबसे अहम रोल रहा। जिन अधिकारियों ने राणा को अमेरिका से भारत लाने में अहम भूमिका निभाई है, उसमें 1997 बैच के झारखंड कैडर के आईपीएस आशीष बत्रा, छत्तीसगढ़ कैडर के आईपीएस अधिकारी प्रभात कुमार के अलावा झारखंड कैडर की महिला आईपीएस जया रॉय शामिल हैं। अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने 2023 में उसके प्रत्यर्पण को मंजूरी दी थी, जिसे फरवरी 2025 में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अंतिम रूप से स्वीकृति दी।

2009 हुआ था अमेरिका में गिरफ्तार : 26/11 मुंबई हमले में 174 लोगों की जान गई थी और 300 से अधिक लोग घायल हुए थे। इस हमले को पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा ने अंजाम दिया था। राणा पर आरोप है कि उसने इस हमले की साजिश में अहम भूमिका निभाई थी। 2011 में भारतीय अदालत ने उसे दोषी ठहराया था, लेकिन वह उस समय अमेरिका में था। 2009 में अमेरिका में उसकी गिरफ्तारी हुई थी, और तब से वह प्रत्यर्पण के खिलाफ कानूनी लड़ाई लड़ रहा था।

कौन है तहव्वुर हुसैन राणा : तहव्वुर हुसैन राणा एक पाकिस्तानी-कनाडाई नागरिक है, जो पहले पाकिस्तान सेना में डॉक्टर के रूप में कार्यरत था। 1990 के दशक में वह कनाडा चला गया और 2001 में कनाडाई नागरिकता हासिल की। बाद में वह शिकागो में बस गया, जहां उसने कई व्यवसाय शुरू किए, जिसमें एक इमिग्रेशन कंसल्टेंसी भी शामिल थी। राणा पर लश्कर ए तैयबा के साथ संबंधों और आतंकी गतिविधियों में शामिल होने का आरोप है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *