नई दिल्ली/वाशिंगटन : 1970 के दशक में सोवियत संघ द्वारा शुक्र ग्रह के लिए भेजा गया एक पुराना अंतरिक्ष यान जल्द ही अनियंत्रित होकर धरती पर लौट रहा है। इस बारे में वैज्ञानिकों का अनुमान है कि यह घटना मई के पहले दो हफ्तों में हो सकती है, संभवतः 10 मई के आसपास। बता दें कि यह अंतरिक्ष यान कोसमोस 482 है जिसे 1972 में सोवियत संघ ने शुक्र मिशन के तहत लॉन्च किया था। लेकिन तकनीकी खराबी के कारण यह पृथ्वी की कक्षा से बाहर नहीं जा सका और तब से लगभग 53 वर्षों से पृथ्वी की अण्डाकार कक्षा में चक्कर लगा रहा है।
10 मई तक हो सकती है वापसी : इस यान की वापसी को लेकर डच वैज्ञानिक मार्को लोंग ब्रोक का अनुमान है कि विफल अंतरिक्ष यान 10 मई के आसपास पुनः प्रवेश कर सकता है। उन्होंने बताया कि यदि यह बरकरार रहा तो यह 242 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दुर्घटनाग्रस्त हो जाएगा। लांग ब्रोक ने एक ईमेल में कहा कि हालांकि इस यान के अनियंत्रित होकर वापस आने में खतरा तो है, लेकिन हमें बहुत ज्यादा चिंता करने की जरूरत नहीं है, क्योंकि वैज्ञानिक लगातार इस पर नजर बनाए हुए हैं।
यान की वापसी धरती के लिए कितना बड़ा खतरा? : बात अगर इस अंतरिक्ष यान की वापसी और खतरे की करें तो इस यान का लैंडिंग कैप्सूल अब भी कक्षा में मौजूद है, जिसका आकार लगभग 1 मीटर व्यास और वजन करीब 500 किलोग्राम है। विशेषज्ञों के अनुसार, यह यान संभवतः पृथ्वी के वातावरण में प्रवेश करने के बाद भी पूरी तरह से नष्ट नहीं होगा और उसका कुछ हिस्सा धरती पर गिर सकता है।
पृथ्वी के किस हिस्से में गिर सकता है यान : गौरतलब है कि यह यान 51.7° उत्तर और दक्षिण अक्षांश के बीच दुनिया के किसी भी हिस्से में गिर सकता है। उदाहरण के तौर पर कनाडा से लेकर दक्षिण अमेरिका तक। लेकिन चूंकि पृथ्वी का अधिकतर हिस्सा समुद्र है, इसलिए इस यान के महासागर में गिरने की संभावना ज्यादा है।