नई दिल्ली : सरकार ने अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के कार्यकारी निदेशक केवी सुब्रमण्यन को उनके तीन साल के कार्यकाल से छह महीने पहले ही सेवामुक्त कर दिया है। सूत्रों ने बताया कि मंत्रिमंडल की नियुक्ति समिति ने 30 अप्रैल, 2025 से सुब्रमण्यन की सेवाएं समाप्त कर दी है। सुब्रमण्यन के पद छोड़ने के कारणों की आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है। सूत्रों ने बताया कि सरकार जल्द ही आईएमएफ बोर्ड में उनके स्थान पर किसी और को नियुक्त करेगी।
सूत्रों के अनुसार, सुब्रमण्यन ने आईएमएफ के डाटासेट पर सवाल उठाए थे, जिसका अच्छा संदेश नहीं गया। इसके अलावा सूत्रों ने बताया कि उनकी हालिया पुस्तक इंडिया @ 100 के प्रचार और प्रसार से संबंधित कथित अनियमितता पर भी चिंता जताई गई। सुब्रमण्यन को 1 नवंबर, 2022 से तीन साल के लिए आईएमएफ में कार्यकारी निदेशक (भारत) के रूप में नियुक्त किया गया था। इससे पहले, उन्होंने सरकार के मुख्य आर्थिक सलाहकार के रूप में कार्य किया।
आईएमएफ का कार्यकारी बोर्ड सदस्य देशों या देशों के समूहों के चुने गए 25 निदेशकों (कार्यकारी निदेशकों या ईडी) से बना है। भारत चार देशों के निर्वाचन क्षेत्र में है, जिसमें बांग्लादेश, श्रीलंका और भूटान सदस्य हैं।