म्यांमार : सेना ने अपने देश में गांव के स्कूल पर किया हवाई हमला, दो शिक्षक और 20 छात्रों की मौत

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नई दिल्ली/बैंकॉक : म्यांमार की सेना ने सोमवार की सुबह देश के मध्य सगाइंग क्षेत्र में एक गांव पर हवाई हमला किया। इसमें एक स्कूल को निशाना बनाया गया। हमले में करीब 20 छात्र और दो शिक्षक मारे गए, जबकि दर्जनों घायल हुए हैं। एक प्रतिद्वंद्वी समूह, एक राहतकर्मी और स्थानीय मीडिया रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई।

उन्होंने बताया कि हमला आज सुबह टाउनशिप (जिसे देपायिन भी कहते हैं) के ओहे ट्विन गांव में उस समय हुआ, जब स्कूल में कक्षा एक से लेकर हाई स्कूल तक के छात्र पढ़ाई कर रहे थे। सैन्य सरकार और सरकारी मीडिया ने हवाई हमले पर  कोई जानकारी नहीं दी है।

फरवरी 2021 में आंग सान सू की की चुनी हुई सरकार से सत्ता छीनने के बाद सेना ने देशभर में जनता की बढ़ती विद्रोही गतिविधियों को दबाने के लिए हवाई हमलों को तेज कर दिया है। गैर-सरकारी संगठनों की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक, तबसे अब तक 6,600 से ज्यादा आम लोग मारे जा चुके हैं।

प्रतिद्वंद्वी व्हाइट देपायिन पीपुल्स डिफेंस फोर्स के एक सदस्य ने बताया कि सुबह 9 बजे के बाद एक लड़ाकू विमान ने स्कूल पर सीधा बम गिराया। यह स्कूल लोकतंत्र समर्थक विद्रोहियों की ओर संचालित किया जा रहा था। चश्मदीद ने बताया कि करीब 50 अन्य लोग घायल हुए और पास के तीन मकान भी क्षतिग्रस्त हुए। उन्होंने यह भी बताया कि इलाके में हाल के दिनों में कोई लड़ाई नहीं हुई थी। सगाइंग क्षेत्र सशस्त्र विद्रोह का गढ़ माना जाता है।

विपक्षी राष्ट्रीय एकता सरकार (एनयूजी) के प्रवक्ता ने फोन लट ने एसोसिएटेट प्रेस को बताया कि उन्हें भी उतने ही मौतों और घायलों की सूचना मिली है और आशंका है कि मृतकों की संख्या और बढ़ सकती है। उन्होंने म्यांमार की सेना पर जानबूझकर नागरिकों को निशाना बनाने का आरोप लगाया। उन्होंने बताया कि मठों, शरणार्थी शिविरों, स्कूलों और अस्पतालों पर इस बहाने बम गिराए जाते हैं कि वहां विद्रोही छिपे हैं, जबकि ऐसा नहीं  है। सेना का मकसद जनता के विरोध को दबाना है।

म्यांमार के स्वतंत्र मीडिया की खबरों के मुताबिक, मृतकों की संख्या 17 से लेकर 22 तक है। विस्थापितों की मदद कर रहे एक स्वयंसेवक ने कहा कि 12 छात्रों की मौत की पुष्टि हो चुकी है और 30 से 50 लोग घायल हैं।

सगाइंग क्षेत्र भारत की सीमा के पास है। यह लंबे समय से सैन्य सरकार के विरोधियों का ठिकाना रहा है। म्यांमार की सेना वहां पर स्थानीय लोकतंत्र समर्थक पीपुल्स डिफेंस फोर्स के खिलाफ हवाई हमले तेज कर चुकी है और विद्रोही समूहों के पास ऐसे हमलों से बचने का कोई पुख्ता इंतजाम नहीं है।

सितंबर 2022 में भी इसी इलाके के लेट येट कोन गांव में स्कूल पर हेलिकॉप्टर से हमला किया गया था, जिसमें 13 लोग मारे गए थे, जिनमें 7 बच्चे शामिल थे। अप्रैल 2023 में एक और हवाई हमले में 160 लोगों की मौत हुई थी, जिनमें कई बच्चे भी शामिल थे। ये लोग कनबलू टाउनशिप के पास पाजिगी गांव में सेना विरोधी समारोह में शामिल हुए थे।

संयुक्त राष्ट्र और मानवाधिकार संगठनों ने हाल के दिनों में म्यांमार में हवाई हमलों लेकर गंभीर चिंता जताई है, खासकर 28 मार्च को आए विनाशकारी भूकंप के बाद, जब राहत कार्यों के लिए सेना और विरोधी पक्षों ने संघर्ष विराम की घोषणा की थी, इसके बावजूद हमले जारी रहे।

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