खेलो इंडिया यूथ गेम्स ने बदली बिहार की पहचान, खिलाड़ियों ने दिखाया दम

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पटना : खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2025 के महासमर में डेढ़ दर्जन से अधिक राज्यों से युवा खिलाड़ी यहां आए. इनके मानस पटल पर गया के आध्यात्मिक माहौल के साथ खेल के ऐतिहासिक आयोजन ने अमिट छाप छोड़ी है. गया के बिपार्ट और बोधगया स्थित आईआईएम संस्थान के परिसर में कुल सात खेलों तैराकी, खो-खो, थानगाट, योग, गतका, मलखम और कलारीपट्टु का आयोजन किया गया. गया में अब तक खेलों की इतनी बड़ी कोई प्रतियोगिता आयोजित नहीं हुई.

बौद्ध दर्शन और भगवान बुद्ध की इस ज्ञान स्थली पर प्रत्येक वर्ष नवंबर-दिसंबर में दुनियाभर के बौद्ध धर्मावलंबियों का जमावड़ा लगता है. इसके अलावा भी बड़ी संख्या में कई देशों खासकर बौद्ध देशों भिक्षुओं, लांबाओं और बुद्ध को मानने वालों का तांता लगा रहता है. पितृ पक्ष के मौके पर भी दुनियाभर के लोग अपने पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए यहां आकर पिंडदान करते हैं. परंतु खेलो इंडिया के इस भव्य आयोजन ने यहां खेल की दृष्टि से दर्शकों और खिलाड़ियों के नए हुजूम से इस ऐतिहासिक शहर को रूबरू कराया, जो अपने आप में अनुपम था.

बोधगया में पर्यटकों-तीर्थ यात्रियों का तांता : गया के एक बड़े होटल संचालक मृत्युंजय कुमार ने बताया कि ऐसे तो गया और बोधगया में पर्यटकों और तीर्थ यात्रियों का तांता लगा रहता है, लेकिन खेलो इंडिया ने लोगों के नए हुजूम को यहां से जोड़ दिया है. कुछ ऐसा ही मानना एक होटल संचालक सुरेंद्र कुमार का भी है. इन्होंने कहा कि ऐसे आयोजनों की शुरुआत होने से शहर को राष्ट्रीय स्तर पर एक अलग पहचान मिली है और इससे यहां आने लोगों की एक अलग समूह को जोड़ दिया है, जिसमें युवाओं की संख्या बहुतायत है. इससे यहां की आर्थिक गतिविधि में तेजी आएगी.

बिपार्ट का खेल परिसर राष्ट्रीय स्तर का : इस आध्यात्मिक धरती पर खेल को लेकर अलग या विशेषरूप से कोई बड़ा और स्थाई आधारभूत संरचना मौजूद नहीं है. परंतु यहां अधिकारियों, पदाधिकारियों से लेकर सभी वर्ग के कर्मियों और जन प्रतिनिधियों के लिए मौजूद विश्वस्तरीय ट्रेनिंग सेंटर बिपार्ट (बिहार लोक प्रशासन एवं ग्रामीण विकास संस्थान) में शानदार और आधुनिक खेल परिसर मौजूद है. यहीं खेलो इंडिया के तहत तैराकी, खो-खो, थानगटा, योग, गतका, मलखम और कलारीपट्टु खेलों का आयोजन कराया गया.

बिपार्ट के परिसर में एक इंडोर खेल स्टेडियम भी मौजूद है, जिसका नाम मेजर ध्यानचंद खेल परिसर रखा गया है. इसमें बैडमिंटन, टेबल टेनिस, स्नूकर जैसे इंडोर खेलों के अतिरिक्त 10 मीटर एयर पिस्टल शूटिंग रेंज भी मौजूद है. ये सभी भी उच्च गुणवत्ता वाले हैं. आने वाले कुछ महीने में यहां घुड़ सवारी की सुविधा भी बहाल कर दी जाएगी.

बोधगया में डोभी एनएच पर राष्ट्रीय स्तर का संस्थान आईआईएम भी मौजूद है. इसके बड़े से परिसर में जर्मन हैंगर लगाकर मसखम, योगासन जैसी प्रतियोगिताएं कराई जा रही हैं. यहां खेल का कोई ठोस आधारभूत संरचना नहीं होते हुए भी इन पर्याप्त स्थान होने के कारण जर्मन हैंगर लगाकर प्रतियोगिताएं आराम से संपन्न कराई जा रही हैं. विभिन्न राज्यों से आए खिलाड़ियों के रहने का उत्तम प्रबंध विभिन्न होटलों या सरकारी विश्राम गृह में कराया गया है.

खेल स्थल तक आने-जाने के लिए एसी बस की व्यवस्था की गई थी. यहां आने वाले खिलाड़ी हर बार बिहार खासकर गया या बोधगया आने के लिए सहर्ष तैयार दिखे.

बिहार के खिलाड़ियों ने दिखाया दम : खेलो इंडिया यूथ गेम्स के तहत बोधगया के बीपार्ट में आयोजित गतका प्रतियोगिता में बिहार की टीम ने सर्वाधिक 9 पदक हासिल किए. यह अपने आप में एक कीर्तिमान है. इसके अलावा यहां आयोजित हुए योग समेत कुछ अन्य प्रतियोगिताओं में भी बिहार को कुछ पदक हासिल हुए हैं. यह अपने आप में अतुल्य है.

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