बांग्लादेश : ‘कांग्लादेश’ बनने की राह पर एक और देश, IMF से 65.12 अरब की मांगी अतिरिक्त मदद

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नई दिल्ली/न्यूयॉर्क : बांग्लादेश वर्तमान में आर्थिक चुनौतियों से जूझ रहा है। इस बीच, बांग्लादेश ने अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) से करीब 762 मिलियन डॉलर ( 65,12,45,58,600 रुपये) की अतिरिक्त मदद मांगी है। आईएमएफ ने बुधवार को कहा कि इस मांग के बाद, आईएमएफ से बांग्लादेश को मिलने वाली कुल मदद लगभग 4.1 अरब डॉलर हो जाएगी।

आईएमएफ स्टाफ और बांग्लादेश के अधिकारियों ने विस्तारित ऋण सुविधा (ईसीएफ), विस्तारित निधि सुविधा (ईएफएफ) और लचीलापन और स्थिरता सुविधा (आरएसएफ) के तहत संयुक्त तीसरी और चौथी समीक्षा को पूरा करने के लिए आवश्यक नीतियों पर स्टाफ स्तर पर सहमति जताई है। आईएमएफ के बयान के अनुसार, स्टाफ स्तर पर सहमति को आईएमएफ कार्यकारी बोर्ड की मंजूरी का इंतजार है। आईएमएफ का कहना है कि इस अतिरिक्त सहायता के लिए बांग्लादेश को कुछ जरूरी कदम उठाने होंगे, जैसे टैक्स सुधार और मुद्रा विनिमय दर को पूरी तरह बाजार आधारित बनाना।

ईसीएफ और ईएफएफ योजना के तहत मांगी सहायता : आईएमएफ में बांग्लादेश के मिशन प्रमुख क्रिस पापागेओर्गियो ने कहा कि नई मांग ईसीएफ और ईएफएफ योजना के तहत की गई है। उन्होंने कहा कि इस वृद्धि से ईसीएफ और ईएफएफ योजनाओं के तहत कुल वित्तीय सहायता करीब 4.1 बिलियन डॉलर हो जाएगी, जबकि आरएसएफ योजना के तहत पहले से करीब 1.3 बिलियन डॉलर की मदद मंजूर है। उन्होंने कहा कि अगर संयुक्त तीसरी और चौथी समीक्षा पूरी हो जाती है, तो बांग्लादेश को 983.8 मिलियन एसडीआर (लगभग 1.3 बिलियन डॉलर) की अगली किश्त मिल सकती है। इसमें ईसीएफ और ईएफएफ के तहत 874 मिलियन डॉलर और आरएफएस योजना के तहत 448 मिलियन डॉलर मिलेंगे।

मौजूदा चुनौतियों के चलते दबाव में है बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था : आईएमएफ ने कहा कि बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर मौजूदा चुनौतियों और बढ़ती विदेशी वित्तपोषण की आवश्यकताओं के कारण बहुत दबाव है। देश में हाल ही में हुए विरोध प्रदर्शनों और राजनीतिक अस्थिरता की वजह से इस वित्त वर्ष के पहले छह महीनों में विकास दर घटकर 3.3 फीसदी रह गई है। हालांकि, IMF को उम्मीद है कि साल के दूसरे हिस्से में कुछ सुधार होगा और पूरे साल की ग्रोथ 3.8 फीसदी तक पहुंच सकती है।

IMF ने सख्त नीति और संस्थानों में सुधार पर जोर दिया : आईएमएफ ने कहा कि महंगाई दर अब धीरे-धीरे घट रही है और 2025 के अंत तक यह 8.5 फीसदी तक आ सकती है। फिर भी, बैंकिंग सेक्टर में दबाव और वैश्विक अनिश्चितता जैसे घरेलू कारक अब भी खतरा बने हुए हैं। IMF ने सख्त नीति अपनाने और संस्थानों में सुधार पर जोर दिया है। आईएमएफ ने कहा है कि बांग्लादेश बैंक की स्वतंत्रता और शासन को मजबूत करने के लिए संस्थागत सुधार करना जरूरी है, ताकि विदेशी निवेश बढ़ सके और देश की अर्थव्यवस्था लंबे समय तक स्थिर रह सके।

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