हैदराबाद : तेलंगाना में हैदराबाद स्थित चारमीनार के पास गुलजार हाउस में रविवार सुबह भीषण आग लगने से 17 लोगों की मौत हो गई. अधिकारियों ने बताया कि आग शॉर्ट सर्किट के कारण लगी. जो फैलते हुए पूरी बिल्डिंग में फैल गई. तेलंगाना आपदा प्रतिक्रिया और अग्निशमन सेवा के महानिदेशक वाई नागी रेड्डी ने अपनी प्रारंभिक जांच में बताया कि आग का कारण शॉर्ट सर्किट था, और सभी पीड़ितों की मौत धुएं से दम घुटने के कारण हुई. उन्होंने साफ किया कि जलने से किसी की भी मौत नहीं हुई.
आग की शुरुआत सुबह 6:16 बजे गुलज़ार हाउस की जी2 बिल्डिंग के ग्राउंड फ्लोर पर स्थित कृष्णा पर्ल्स दुकान से हुई थी. महानिदेशक के अनुसार, प्रारंभिक जांच से पता चलता है कि दुकान में शॉर्ट सर्किट के कारण आग भड़की, जो तेजी से पूरी बिल्डिंग में फैल गई. बिल्डिंग में मौजूद 21 लोगों में से केवल चार लोग ही बच पाए, जबकि 17 लोग इस भीषण में मारे गए. गुलज़ार हाउस की संरचना भी बचाव कार्यों में बांधा बनी है.
बिल्डिंग के पिछले हिस्से में कोई इमरजेंसी एक्जिट नहीं था : रेड्डी ने बताया कि अग्निशमन विभाग को सुबह 6:16 बजे सूचना मिली और 6:17 बजे तक 11 फायर टेंडर और 70 अग्निशामकों को मौके पर भेज दिया गया. बचाव कार्यों में श्वास ऑपरेटर और ऑक्सीजन मास्क का उपयोग किया गया, लेकिन बिल्डिंग के स्ट्रक्चर ने बचाव अभियान को बेहद कठिन बना दिया. सुबह 9 बजे तक आग पर काबू पा लिया गया, लेकिन तब तक भारी नुकसान हो चुका था.
उन्होंने बताया कि इमारत में केवल एक पतला प्रवेश द्वार था, जो मात्र दो मीटर चौड़ा था. इसके अलावा, पहली और दूसरी मंजिल तक पहुंचने के लिए केवल एक मीटर चौड़ी सीढ़ी थी. बिल्डिंग के पिछले हिस्से में कोई इमरजेंसी एक्जिट नहीं था, जिसके कारण लोग अंदर ही फंस गए. आग बुझाने और लोगों को बचाने में अग्निशमन विभाग की ओर से कोई कमी नहीं थी. लेकिन बिल्डिंग के स्ट्रक्चर ने बचाव कार्यों को कठिन बना दिया.
चश्मदीदों ने खौफनाक मंजर का वर्णन किया : घटना के चश्मदीद जाहिद ने उस खौफनाक मंजर का वर्णन किया, जो उनके लिए कभी न भुलाए जाने वाला अनुभव बन गया. जाहिद ने बताया, ‘मैं पूरी तरह से आग की लपटों में घिरा हुआ था. हम अंदर नहीं जा पा रहे थे. फिर हम में से 5-6 लोग दीवार तोड़कर पहली मंजिल में घुस गए. कुछ लोगों ने शटर तोड़ा और दीवार तोड़कर पहली मंजिल तक पहुंचने की कोशिश की, लेकिन वहां हर तरफ सिर्फ आग और धुआं था.’
जाहिद ने आगे बताया कि पुलिस और अग्निशमन विभाग ने पूरी ताकत लगाई, लेकिन आग इतनी भयानक थी कि किसी को बचाना संभव नहीं हो सका. इमारत के पिछले हिस्से में कोई निकास द्वार नहीं था, जिसके कारण लोग अंदर ही फंस गए. उन्होंने यह भी बताया कि फायर टेंडर को आने में भी थोड़ी देरी हुई थी. हम मुख्य द्वार से इमारत में प्रवेश नहीं कर सकते थे क्योंकि यह आग की लपटों में घिरा हुआ था, इसलिए हमने अंदर जाने के लिए शटर तोड़ दिया.
पीएम मोदी ने घटना पर जताया दुख : इस घटना पर पीएम मोदी ने भी दुख जताया है. साथ ही मृतकों के परिजनों को मुआवजे का ऐलान किया है. पीएम मोदी ने ट्वीट कर लिखा, ‘हैदराबाद में आग लगने की घटना में लोगों की मौत से मैं बेहद दुखी हूं. जिन लोगों ने अपने प्रियजनों को खो दिया है, उनके प्रति मेरी संवेदना है. घायलों के जल्द स्वस्थ होने की कामना करता हूं.’ पीएम ने प्रत्येक मृतक के परिजनों को प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष से 2 लाख रुपए और घायलों को 50,000 रुपए की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की है.