नई दिल्ली/अबुजा : नाइजीरिया के उत्तर-पूर्वी राज्य बोर्नो में गुरुवार को हुए भीषण आतंकी हमले में लगभग 57 लोगों की मौत हो गई। वहीं 70 से अधिक लोग लापता हो गए। चश्मदीदों और स्थानीय लोगों के अनुसार, यह हमला बोको हराम के एक कट्टरपंथी गुट जमातु अहलिस सुन्ना लिद्दावति वल-जिहाद (जेएएस) ने किया।
लोगों को इकट्ठा कर जंगल में किया गया हमला : बता दें कि हमला माल्लम करामती और क्वातंदाशी नाम के गांवों में हुआ, जो बागा इलाके में हैं। इस हमले में बचे वहां निवासी अब्दुर्रहमान इब्राहिम ने बताया कि आतंकियों ने 100 से ज्यादा लोगों को इकट्ठा कर जंगल में ले जाकर हमला किया। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार शनिवार को 57 शव बरामद हुए, जिनमें से कई की गला रेतकर हत्या की गई थी।
आतंकियों ने गांव वालों पर लगाया था मुखबिर होने का आरोप : मामले में स्थानीय लोगों ने दावा किया कि हमलावर आतंकियों ने गांव के लोगों पर आरोप लगाया कि वे प्रतिद्वंद्वी आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट वेस्ट अफ्रीका प्रॉविंस (आईएसडब्ल्यूएपी) के लिए मुखबिरी कर रहे थे। स्थानीय लोगों ने बताया कि आमतौर पर आईएसडब्ल्यूएपी सेना पर हमला करता है, जबकि जेएएस आम नागरिकों पर हमला करने के साथ-साथ अपहरण और लूटपाट करता है।
हालांकि बोर्नो सरकार के प्रवक्ता ने मृतकों की पुष्टि करने से इनकार किया। दूसरी ओर नाइजीरियाई सेना ने कोई जवाब नहीं दिया। इसपर ग्रामीणों का कहना है कि सेना की मदद ना मिलने के कारण शवों की तलाश में भी देरी हुई। डर के कारण कई इलाकों में तलाशी बंद करनी पड़ी।
पिछले 15 वर्षों से चल रहा संघर्ष, हजारों लोगों की मौत : गौरतलब है कि साल 2009 से शुरू हुए बोको हराम के आतंकी हमले में अब तक 35,000 से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं और 26 लाख से ज्यादा लोग बेघर हो चुके हैं। उनका लक्ष्य है चार देशों (नाइजीरिया, कैमरून, नाइजर और चाड) में एक इस्लामी शासन स्थापित करना। हालांकि इन आंकड़ों से विपरीत सरकार ने दावा किया है कि आतंकवाद पर काबू पाया जा रहा है, लेकिन हमले अब भी जारी है और अब आतंकियों का दायरा देश के मध्य हिस्सों तक फैल गया है।