पीएनबी घोटाला : भगोड़े नीरव मोदी को बड़ा झटका, ब्रिटेन की हाई कोर्ट ने खारिज की जमानत याचिका

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नई दिल्ली : ब्रिटेन की हाई कोर्ट ने पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) में एक अरब डॉलर के घोटाले के मुख्य आरोपी नीरव मोदी को जमानत देने से इनकार कर दिया। 2019 में हिरासत में लिए जाने के बाद यह 10वीं बार है, जबकि उनकी जमानत याचिका खारिज हुई है।

वहीं, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने एक एक्स पर एक पोस्ट में बताया, ब्रिटेन की हाई कोर्ट ने एक बार फिर नीरव मोदी को जमानत देने से इनकार कर दिया। नीरव मोदी पीएनबी के 1 अरब डॉलर के घोटाले के मामले में मास्टरमाइंड है। यह फैसला 15 मई 2025 को उसकी चौथी जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान लिया गया।

ईडी ने आगे लिखा, सुनवाई में नीरव मोदी के बचाव पक्ष और भारत सरकार की ओर से पेश अभियोजन पक्ष की दलीलों पर विस्तार से चर्चा हुई। ईडी ने लिखित में बताया कि कैसे नीरव मोदी ने धनशोधन (मनी लॉन्ड्रिंग) किया, शेल कंपनियों के जरिए पैसा ब्रिटेन जैसे दूसरे देशों में भेजा। घोटाले की राशि का एक हिस्सा जब्त करके वापस बैंकों को भी लौटाया गया है। इन सब तथ्यों को ध्यान में रखते हुए कोर्ट ने जमानत याचिका खारिज कर दी।

वहीं, इस फैसले के बाद केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने एक बयान में कहा, नीरव मोदी की नई जमानत याचिका लंदन की हाई कोर्ट (किंग्स बेंच डिवीजन) में खारिज कर दी गई। भारत की तरफ से क्राउन प्रॉसिक्यूशन सर्विस के वकील ने जोरदार तरीके से विरोध किया, जिन्हें सीबीआई की एक मजबूत टीम ने मदद दी।

सीबीआई ने कहा, हमने अदालत में मजबूत दलीलें दीं, जिसकी वजह से यह याचिका खारिज हुई। नीरव मोदी 19 मार्च 2019 से ब्रिटेन की जेल में है। वह भगौड़ा आर्थिक अपराधी घोषित किया गया है और उस पर भारत में  सीबीआई द्वारा 6498.20 करोड़ रुपये की बैंक धोखाधड़ी के मामले में मुकदमा चलाया जाना है।

सीबीआई ने आगे कहा, ब्रिटेन में यह उसकी 10वीं जमानत याचिका थी, सीबीआई ने फिर चुनौती दी। नीरव मोदी को ब्रिटिश पुलिस ने मार्च 2019 में हिरासत में लिया था और ब्रिटेन का हाई कोर्ट उसके भारत प्रत्यर्पण को पहले ही मंजूरी दे चुका है। धन शोधन रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) के तहत ईडी ने 2018 में नीरव मोदी और उसके चाचा मेहुक चोकसी के खिलाफ मामला दर्ज किया था और कई संपत्तियां जब्त की गई थीं।

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