नई दिल्ली/ह्यूस्टन : अमेरिका से एक बड़ी खबर समने आ रही है। जहां दो पाकिस्तानी नागरिकों को एक बड़े वीज़ा और मनी लॉन्ड्रिंग घोटाले के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। ये लोग कई सालों से चल रहे एक ऐसे नेटवर्क को चला रहे थे, जिससे विदेशी नागरिकों को फर्जी तरीके से अमेरिका में दाखिला और वीजा दिलाया जा रहा था। गिरफ्तार किए गए लोगों के नाम हैं अब्दुल हादी मुर्शिद और मुहम्मद सलमान नासिर। इन दोनों पर 23 मई को टेक्सास की एक संघीय अदालत ने आरोप तय किए हैं।
एफबीआई ने की लोगों से अपील : वहीं FBI ने उन सभी लोगों से अपील की है जो इस घोटाले के शिकार हुए हैं, कि वे सामने आएं और रिपोर्ट करें। मामले में अधिकारियों ने साफ कहा, “H-1B जैसे वीज़ा प्रोग्राम दुनिया की प्रतिभाओं को लाने के लिए हैं, न कि धोखाधड़ी करने वालों के लिए।
20 साल तक की हो सकती है सजा : अगर आरोप साबित होते हैं, तो दोनों को 20 साल तक की जेल हो सकती है। अब्दुल हादी मुर्शिद की नागरिकता भी रद्द हो सकती है। अमेरिकी अधिकारियों का कहना है कि यह सिर्फ नियमों को तोड़ने का मामला नहीं है, बल्कि पूरे सिस्टम को धोखे से चलाने की एक आपराधिक योजना थी।
अब समझिए पूरा मामला? : बता दें कि इन दोनों पर आरोप है कि इन्होंने झूठे नौकरी के विज्ञापन देकर अमेरिकी वीज़ा प्रोग्राम्स जैसे EB-2, EB-3 और H-1B का गलत इस्तेमाल किया। इन्होंने ऐसी नौकरियों के लिए आवेदन करवाए जो असल में मौजूद ही नहीं थीं। इसके जरिए उन्होंने झूठे लेबर सर्टिफिकेट हासिल किए और फिर इनका इस्तेमाल करके फर्जी वीज़ा आवेदन किए।
इसके साथ ही मामले में पुलिस ने बताया कि इन लोगों ने डी. रॉबर्ट जोन्स पीएलएल के जैसे विख्यात नामों का इस्तेमाल करते हुए सैकड़ों झूठे आवेदन किए। विदेशों से आए लोगों से बड़ी रकम ली गई, और कुछ पैसे उन्हें नकली पेरोल के रूप में वापस दिए गए ताकि लगे कि वे अमेरिका में नौकरी कर रहे हैं।