नागपुर : महाराष्ट्र के नागपुर की रहने वाली 43 साल की महिला सुनीता जमगदे को पाकिस्तान के पादरी से ऑनलाइन इश्क हो गया। उससे मिलने के लिए सुनीता करीब 10 दिन पहले अपने 12 साल के बेटे के साथ घूमने के लिए लेह-लद्दाख पहुंची। उसे होटल के कमरे में छोड़कर सुनीता करगिल के दूरदराज क्षेत्र में बॉर्डर पर स्थित गांव हुंदरमन से सरहद लांघकर पाकिस्तान पहुंच गई।
सीमा लांघते ही उसे पाकिस्तान रेंजर्स ने गिरफ्तार कर लिया। पाकिस्तान की सुरक्षा एजेंसियों ने उससे पूछताछ की और भारतीय डिप्लोमेट से संपर्क किया। जांच खत्म होने के बाद सोमवार को पाक रेंजर्स ने उसे अटारी बॉर्डर पर बीएसएफ के हवाले कर दिया। बीएसएफ और अन्य सुरक्षा एजेंसियां सुनीता से पूछताछ कर रही है।
सुनीता के भाई सुनील ने बताया कि उन्हें पांच दिन पहले ही अपनी बहन के लापता होने की खबर कारगिल पुलिस ने दी थी। सुनीता को लेने के लिए नागपुर पुलिस अमृतसर के लिए रवाना हो चुकी है। अमृतसर ग्रामीण पुलिस ने सुनीता के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज किया है।
सुनीता ने इससे पहले अप्रैल में दो बार अटारी-वाघा बॉर्डर को लांघने की कोशिश कर चुकी थी लेकिन बीएसएफ ने उसे पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया था। परिवार ने बीएसएफ को बताया कि वह मानसिक तौर पर ठीक नहीं है तो उसे छोड़ दिया गया था।
पति से अलग होने के बाद से सुनीता नागपुर में अपनी मां के साथ रहती है। वह घर से 4 मई को पंजाब जाने के लिए कहकर निकली थी कि उसे 5 मई को कोर्ट में पेश होना है। लेकिन वह सीधे कारगिल पहुंच गई।
पाकिस्तान की सुरक्षा एजेंसियों की ओर से सुनीता से पूछताछ की गई और इसके बाद भारतीय डिप्लोमेट के साथ संपंर्क किया गया। जांच खत्म होने के बाद सोमवार को उसे बीएसएफ के हवाले कर दिया गया।
वहीं सुनीता के परिवार का इस बारे कहना है कि वह पिछले काफी समय से मानसिक तनाव में चल रही है। इसी के चलते, उसने यह कदम उठाया है। फिलहाल भारतीय सुरक्षा एजेंसियों की ओर से पूछताछ की जा रही है।