मुरादाबाद : डॉक्टरों की टीम के काफी प्रयास के बाद भी एक तस्कर के पेट से सोने के दो कैप्सूल नहीं निकल पाए। पुलिस ने उसे कोर्ट में पेश किया और रिमांड मांगी। कोर्ट से तस्कर की पुलिस रिमांड मंजूर होने के बाद उसे दोबारा जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
तमाम उपकरण, लंबी चौड़ी टीमें और किसी भी संदिग्ध व्यक्ति की जांच पड़ताल करने का हक होने के बावजूद पुलिस और जांच एजेंसियों से ज्यादा मजबूत नेटवर्क तस्करों का अपहरण करने वाले बदमाशों का निकला। सालों से दुबई, सऊदी अरब से पेट में सोना छिपाकर लाने वाले इन तस्करों को न तो कभी एयरपोर्ट पर चेकिंग में पकड़ा गया और न ही कभी टांडा में पुलिस इन तक पहुंच सकी।
सैकड़ों युवा तस्करी में : फाइनेंसर और एजेंटों के जरिए टांडा के सैकड़ों युवा इसी तरह दुबई और सऊदी अरब से पेट में सोना छिपाकर लाते हैं। पकड़े गए तस्करों ने पुलिस पूछताछ में कबूला है कि उन्हें फाइनेंसर एक साल में आठ से दस बार बार भेज चुके हैं। इससे पहले भी कई कई बार गए हैं। उन्होंने बताया कि फाइनेंसर ही उनके जाने, आने, रहने और खाने पीने की व्यवस्था करते हैं। इसके लिए उन्हें 20 हजार रुपये एक चक्कर के दिए जाते हैं।
सफर के दौरान नहीं खाते थे खाना : फाइनेंसर ही बताते हैं कि उन्हें दिल्ली एयरपोर्ट से फ्लाइट पकड़नी है या फिर मुंबई से फ्लाइट में सवार होना है। इस गिरोह के कुछ सदस्य दुबई और सऊदी में मौजूद रहते हैं। वह उन्हें तस्करों को सोने के कैप्सूल उपलब्ध कराते हैं। तस्कर एयरपोर्ट पर फ्लाइट में बैठने से पहले सोने के कैप्सूल पानी से गटक जाते हैं। सफर के दौरान खाना नहीं खाते हैं, केवल फल खाते हैं या जूस ही पीते हैं। घर पहुंचने पर कोल्ड ड्रिंक और बिरयानी खाते हैं। टांडा के अधिकांश लोगों को इसकी जानकारी है, लेकिन लोकल पुलिस और खुफिया तंत्र को भी इसकी कभी जानकारी नहीं हो सकी।
पुलिस को दिया चकमा पर बदमाशों को नहीं दे पाए : इसके अलावा एयरपोर्ट पर तैनात एजेंसी भी इन्हें कभी नहीं पकड़ पाई। पुलिस और जांच एजेंसी से मजबूत तो बदमाशों का नेटवर्क निकला। तस्करों ने पुलिस और जांच एजेंसियों को चकमा देने के लिए दुबई से मुंबई के बीच सफर किया। वहां से ट्रेन से दिल्ली तक पहुंच गए। यहां उन्होंने न तो अपनी टैक्सी की और न ही रोडवेज बस में सवार। इन्होंने सऊदी अरब से आ रहे मो. नावेद और जाहिद हुसैन से संपर्क किया। यह दोनों दिल्ली एयरपोर्ट पर फ्लाइट से उतरे और इन्हें लेने के लिए टांडा निवासी कार चालक जुल्फेकार पहुंचा था। चारों तस्कर भी इसी वाहन में सवार हो गए थे। इन्होंने ऐसा करके पुलिस और जांच एजेंसियों को चकमा दे दिया, लेकिन बदमाशों को चकमा नहीं दे पाए। बदमाशों के पास इनकी पल-पल की जानकारी थी। इन्होंने मौका पाकर मुरादाबाद में अगवा कर लिया और फार्म हाउस ले गए।
दो कैप्सूल बाकी, एक तस्कर को दोबारा जिला अस्पताल में भर्ती कराया : डॉक्टरों की टीम के काफी प्रयास के बाद भी एक तस्कर के पेट से सोने के दो कैप्सूल नहीं निकल पाए। पुलिस ने उसे कोर्ट में पेश किया और रिमांड मांगी। कोर्ट से तस्कर की पुलिस रिमांड मंजूर होने के बाद उसे दोबारा जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। रामपुर के टांडा थाना क्षेत्र के यूसुफ चौक निवासी मुत्तलीब के पेट से आठ कैप्सूल निकल चुके हैं, लेकिन दो कैप्सूल उसके पेट में ही फंसे हैं। एसपी सिटी कुमार रण विजय सिंह ने बताया कि आरोपी तस्कर मुत्तलीब को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
सोना निकालने में पुलिस के खर्च हो गए 10 हजार : चारों तस्करों पर पुलिस ने 10 हजार रुपये खर्च कर दिए हैं। पेट में फंसे सोने के कैप्सूल निकालने के लिए पुलिस ने इन्हें कोल्ड ड्रिंक, बिरयानी, केले और अन्य फल खिलाए हैं।
यह था मामला : सोने की तस्करी करने वाले अंतरराष्ट्रीय गिरोह का पुलिस ने पर्दाफाश किया है। इस गिरोह के चार तस्करों के पेट से सोने के 27 कैप्सूल (वजन 1.052 किग्रा.) निकाले गए हैं। तस्कर यह सोना दुबई से पेट छिपाकर लाए थे। पुलिस ने मूंढापांडे थाने में केस दर्ज कर चारों तस्करों को गिरफ्तार किया। इस मुकदमे में नौ फाइनेंसरों और चिकित्सकों को भी आरोपी बनाया गया है। चारों तस्करों को कोर्ट में पेश किया, जहां से तीन को जेल भेज दिया गया, जबकि एक के पेट में सोने के कैप्सूल होने के कारण पुलिस ने उसे रिमांड पर लिया है।
एसपी सिटी कुमार रण विजय सिंह ने बताया कि शुक्रवार दोपहर करीब दो बजे दिल्ली-लखनऊ हाईवे पर पुराने टोल टैक्स के पास दुबई और सऊदी अरब से लौट रहे तस्करों की कार को बदमाशों ने रुकवा ली थी। बदमाशों ने खुद को पुलिसकर्मी बताकर कार की जांच शुरू कर दी। इस दौरान बदमाश ने कार सवारों को हथियारों के बल पर अगवा कर लिया और मूंढापांडे क्षेत्र में ले गए। यहां बदमाशों ने उनको धमकाया और कहा कि तुम्हारे पेट में सोना है। सोना निकालने के लिए बदमाशों ने सभी का पेट चीरने की तैयारी शुरू कर दी। इसी दौरान जुल्फेकार कूद कर भाग गया था। उसकी सूचना पर पुलिस ने घेराबंदी कर उसके अन्य छह साथियों को छुड़ा लिया था।
चालक को छोड़कर बाकी सभी छह आरोपियों का अल्ट्रासाउंड कराया गया, जिसमें से चार के पेट में सोना होने की पुष्टि हुई। शनिवार शाम सभी को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। डॉक्टरों की टीम ने चारों तस्करों के पेट से 27 कैप्सूल निकाले हैं। एसपी सिटी ने बताया कि चारों अंतरराष्ट्रीय सोना तस्कर गिरोह के सदस्य हैं। इन गिरोह को फाइनेंसर चला रहे हैं। जिसमें ट्रेवल एजेंट, डॉक्टर और अन्य शामिल हैं। मूंढापांडे में सभी के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। सोमवार की शाम को इन्हें कोर्ट में पेश किया गया है। इनमें एक तस्कर के पेट में दो कैप्सूल बाकी है, जिसे रिमांड पर लिया गया है। उसके पेट से बाकी कैप्सूल निकलवाने का प्रयास किया जा रहा है। पुलिस ने तस्करों से फर्जी आधार कार्ड और पासपोर्ट भी बरामद किए हैं।
इन तस्करों की हुई गिरफ्तारी :
- शाने आलम निवासी मोहल्ला रांड थाना टांडा जनपद रामपुर
- मुत्तलीब निवासी मोहल्ला युसुफ चौक टांडा बादली थाना टांडा जनपद रामपुर
- अजहरुद्दीन निवासी मोहल्ला युसुफ चौक टांडा बादली जनपद रामपुर
- जुल्फेकार अली निवासी मोहल्ला नज्जूपुरा थाना टांडा जनपद रामपुर
किसके पेट से कितना सोना निकाला यह भी जानिए :
- शाने आलम के पेट से तीन कैप्सूल, वजन- 113.71 ग्राम
- मुत्तलीब के नेट से आठ कैप्सूल, वजन 311 ग्राम
- अजहरुद्दीन के पेट से आठ कैप्सूल वजन 320.12 ग्राम
- जुल्फेकार के पेट से आठ कैप्सूल वजन 311.72 ग्राम
इन धाराओं में दर्ज किया गया केस : मूंढापांडे थाने में अपराध निरीक्षण जितेंद्र कुमार की ओर से चारों तस्करों और नाै नामजद फाइनेंसरों और कुछ अज्ञात के खिलाफ बीएनएस की धारा 111, 318(4), 338, 336(3), 340 और 135 कस्टम एक्ट के तहत केस दर्ज किया गया है।
99.9 प्रतिशत शुद्ध है बरामद सोना : एसपी सिटी कुमार रणविजय सिंह ने बताया कि बरामद सोने की जांच कराई गई है, जिसमें पता चला कि बरामद सोना 99.9 प्रतिशत शुद्ध है।