मुस्लिम आबादी में बंपर उछाल, ब्रिटेन में ही अल्पसंख्यक हो जाएंगे अंग्रेज

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नई दिल्ली : ब्रिटेन में मुस्लिम फीसदी में आने वाले दशकों में बड़ा उछाल देखने को मिलेगा, जबकि श्वेत नस्ल वाले मूल ब्रिटिश अल्पसंख्यक हो जाएंगे. ये चौंकाने वाली रिपोर्ट ने जारी की है. रिपोर्ट के मुताबिक, आने वाले 40 सालों में ब्रिटिश अपने ही देश में अल्पसंख्यक हो जाएंगे. अप्रवासियों की बढ़ती संख्या, जन्म-मृत्यु दर का आकलन करते हुए ये बनी रिपोर्ट में कहा गया है कि अभी ब्रिटिश मूल के लोगों की संख्या 73 फीसदी है, जो 2050 तक 57 प्रतिशत रहजाएगी. लेकिन 2063 तक ब्रिटिश मूल के लोग अल्पसंख्यक हो जाएंगे और अश्वेतों की आबादी 50 फीसदी के पार हो जाएगी. लंदन और बकिंघम जैसे शहरों में भी ब्रिटिश पहले ही अल्पसंख्यक हो चुके हैं.

ब्रिटेन में मुस्लिम आबादी अभी महज सात फीसदी है, जो अगले 25 सालों के भीतर 12 फीसदी हो जाएगी. इस सदी के आखिरी तक ब्रिटेन में मुस्लिम जनसंख्या 19-20 फीसदी तक पहुंच जाएगी. यानी ब्रिटेन का हर पांचवां शख्स मुसलमान होगा.

ईसाइयों के बाद इस्लाम ब्रिटेन का दूसरा सबसे बड़ा धर्म है. 2021 की जनगणना के (Office for National Statistics) अनुसार, ब्रिटेन में मुस्लिम आबादी 40 लाख पार कर गई है. जो 2001 में महज 16 लाख थी. लंदन में सबसे ज्यादा 15 फीसदी मुस्लिम जनसंख्या है.

बकिंघम यूनिवर्सिटी के शोध के अनुसार, इस सदी के अंत तक ब्रिटेन में ऐसे बच्चों की संख्या एक तिहाई से कम रह जाएगी, जिनके माता-पिता अश्वेत और दूसरे देश से ताल्लुक न रखते हों. दस से छह बच्चे ऐसे होंगे, जिनके माता या पिता में से एक ब्रिटेन के बाहर जन्में होंगे.

केंट यूनिवर्सिटी के मानद प्रोफेसर मैट गुडविन ने कहा कि सरकारी जनगणना के आंकड़ों पर बनी ये रिपोर्ट आंखे खोलने वाली है. ब्रिटेन अपनी मूल पहचान, संस्कृति-परंपरा सब अप्रवासियों के हाथों खो देगा. इससे ब्रिटेन की राजनीति और विदेश नीति भी बदल जाएगी.

लेबर पार्टी की रिपोर्ट बताती है कि ब्रिटेन में साल दर साल वैध और अवैध अप्रवासियों की संख्या में जबरदस्त इजाफा हुआ है. 2023 में रिकॉर्ड 9 लाख छह हजार अप्रवासी ब्रिटेन पहुंचे. ब्रिटिश सरकार अब अप्रवासियों के देश में रहने, काम करने और पढ़ने के नियमों को कड़ा बनाने की तैयारी में है. ब्रिटिश मूल के परिवारों में जन्म दर 1.39 है, जबकि विदेशी लोगों में यह 1.97 है, अगर मुस्लिमों की बात करें तो यह 2.35  है, जबकि गैर मुस्लिम विदेशी अप्रवासियों में यह 1.54 है. यानी 2076 से 2079 के बीच श्वेत मूल के लोग ब्रिटेन में अल्पसंख्यक हो जाएंगे.

शोध में दावा है कि 2075 तक ब्रिटिश मूल की आबादी 73 से घटकर 44 फीसदी रह जाएगी. जबकि वर्ष 2100 तक यह महज 33.7  प्रतिशत रह जाएगी. अश्वेतों की आबादी अभी 19.7 फीसदी है, जो 2050 तक 34.8 हो जाएगी. वर्ष 2025 तक संख्या 48.1 फीसदी और 2100 तक 59.3 फीसदी हो जाएगी. श्वेत मूल के ब्रिटिश 2063 तक अल्पसंख्यक होजाएंगे. जबिक विदेश में जन्मे औऱ उनके वंशज 2079 तक बहुसंख्यक हो जाएंगे.

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