बांग्लादेश : तख्तापलट के आड़ में टारगेट किलिंग, मौत के घाट उतारे जा रहे अवामी लीग के नेता

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नई दिल्ली/ढ़ाका : बांग्लादेश में अवामी लीग ने आरोप लगाया है कि उनके कार्यकर्ताओं की जेल में टारगेट किलिंग की जा रही है, जो सही नहीं है. लीग ने मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार को सीधे इसके लिए जिम्मेदार ठहराया और सख्त लफ्जों में इस कृत्य की निंदा की. अवामी लीग ने एक बयान में कहा, “देश भर की अलग-अलग जेलों में बांग्लादेश अवामी लीग के कार्यकर्ताओं की रहस्यमयी मौतों और क्रूर दमन की एक श्रृंखला ने आक्रोश और चिंता को जन्म दिया है. राजनीतिक विश्लेषकों और अधिकार समूहों का कहना है कि ये अलग-थलग घटनाएं नहीं हैं, बल्कि यूनुस-संबद्ध छाया प्राधिकरण के नेतृत्व में एक सुव्यवस्थित, गुप्त अभियान का हिस्सा हैं. इसका उद्देश्य भय, यातना और उन्मूलन के माध्यम से मुक्ति समर्थक राजनीति की रीढ़ तोड़ना है.

पार्टी के बयान के अनुसार, “प्रत्यक्षदर्शियों और लीक हुई रिपोर्ट्स ने चिकित्सा लापरवाही और जानबूझकर चिकित्सा सुविधा समय पर मुहैया नहीं कराई. जिसके कारण मौतें हुईं, जबरदस्ती जहर दिया गया या उनका रसायन के जरिए हृदयाघात कराया गया, उन्हें अलग (एकांत) कारावास में रखा गया और साथ ही अवामी लीग कार्यकर्ताओं को शारीरिक यातनाएं दी गईं. ये घटनाक्रम पार्टी की ताकत को कुचलने के एक गुप्त अभियान की ओर इशारा करते हैं, वो भी उस पार्टी को जिसने देश को आजाद कराने में भूमिका निभाई. इस बीच सोमवार को अवामी लीग ने अपने नेता अली असगर की जेल में मौत की सजा के मामले का मुद्दा उठाया.

बयान में कहा गया, अली असगर की हत्या यूनुस शासन की क्रूरता को उजागर करती है. यूनुस शासन के तहत जेलें यातना कक्ष बन गई हैं, जहां अवामी लीग के नेताओं को खत्म किया जा रहा है.पिछले महीने एक बयान में, अवामी लीग ने खुलासा किया कि यूनुस के सत्ता में आने के बाद से अवामी लीग के कम से कम 21 सदस्यों की हिरासत में मौत हो चुकी है. बयान में कहा गया है, “कथित तौर पर जेलों के अंदर और पुलिस हिरासत में हुई हत्याएं, राष्ट्रीय कानूनों और अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार मानकों दोनों का गंभीर उल्लंघन है.

अवामी लीग ने जेल में इन सभी मौतों के लिए तत्काल राष्ट्रीय कार्रवाई और न्यायिक जांच आयोगों की आवश्यकता पर जोर दिया है. पार्टी ने पीएमओ की निगरानी में स्वतंत्र जांच टीमों और हिरासत की निगरानी और प्रमुख राज्य संस्थानों से, यूनुस से जुड़े सहयोगियों की पहचान और निष्कासन के लिए इंटरनेशनल ह्यूमन राइट्स ऑब्जर्वर की मांग की है.अवामी लीग के अनुसार, यूनुस प्रशासन का मुख्य उद्देश्य भविष्य के चुनावी प्रतिरोध को रोकने के लिए भय फैलाना और पिछले दरवाजे से मुक्ति-विरोधी, कट्टरपंथी ताकतों की वापसी को सक्षम बनाना है.

अवामी लीग ने कहा, “यह सिर्फ राजनीतिक दमन नहीं है. यह मुक्ति संग्राम की आत्मा पर हमला है. इस अंधकारमय समय में, सिर्फ शेख हसीना एक नेता हैं, जिसके नेतृत्व में बांग्लादेश के लोग सुरक्षित महसूस करते हैं. राष्ट्रपिता बंगबंधु शेख मुजीबुर रहमान की बेटी होने के नाते, उनके पास इन षड्यंत्रों को जड़ से उखाड़ फेंकने और न्याय दिलाने का नैतिक और राजनीतिक अधिकार है.

अवामी लीग ने कहा कि बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना कभी भी विदेशी दबाव, चरमपंथी धमकियों या आंतरिक विश्वासघात के आगे नहीं झुकी. उनके नेतृत्व में युद्ध अपराधियों पर मुकदमा चलाया गया, आतंकी नेटवर्क को ध्वस्त किया गया और राजनीतिक स्थिरता के साथ बड़े पैमाने पर विकास हासिल किया गया. पार्टी ने कहा “अब राष्ट्र एक बार फिर न्याय के लिए शेख हसीना की ओर देख रहा है. यह सुनिश्चित करने के लिए कि अवामी लीग के किसी भी कार्यकर्ता की चुपचाप हत्या न हो और इन जघन्य कृत्यों के पीछे जो लोग हैं, उन्हें कानूनी जवाबदेही का सामना करना पड़े. केवल शेख हसीना के नेतृत्व में ही इन छिपे हुए हत्यारों का पर्दाफाश किया जा सकेगा.

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