नई दिल्ली : वैश्विक निगरानी संस्था फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) अप्रैल में हुए पहलगाम आतंकी हमले की कड़ी निंदा करते हुए सोमवार को कहा कि उसने आतंकवाद की फंडिंग रोकने के लिए देशों द्वारा लागू किए गए उपायों की प्रभावशीलता पर अपना ध्यान और अधिक केंद्रित किया है।
एफएटीएफ ने एक बयान में कहा, आतंकी हमले दुनिया भर में लोगों को मारते हैं, घायल करते हैं और भय पैदा करते हैं। एफएटीएफ 22 अप्रैल 2025 को पहलगाम में हुए निर्मम आतंकी हमले को लेकर गंभीर चिंता व्यक्त करता है और इसकी निंदा करता है। यह और हालिया अन्य हमले पैसे और आतंकियों के समर्थकों के बीच धन के आदान-प्रदान के बिना संभव नहीं हो सकते थे। यह बयान उस समय आया है जब भारतीय एजेंसियों ने पाकिस्तान पर आतंकवाद को लगातार समर्थन देने और बहुपक्षीय फंड्स का हथियार खरीद के लिए उपयोग करने का आरोप लगाया है।
एफएटीएफ ने कहा कि आतंकवाद दुनिया भर के समाजों और नागरिकों के लिए खतरा है। इसलिए वैश्विक निगरानी संस्था अपने वैश्विक नेटवर्क के भीतर 200 से अधिक न्याय क्षेत्रों को आतंकी फंडिंग के खिलाफ अपने उपायों को बनाने और बढ़ाने के लिए समर्थन दे रही है। इसमें वित्तीय खुफिया जानकारी का रणनीतिक उपयोग भी शामिल है। इसके अलावा हमने देशों द्वारा किए गए उपायों की प्रभावशीलता पर ध्यान दिया है।
बयान में कहा गया कि एफएटीएफ जल्द ही आतंकी फंडिंग को लेकर एक व्यापक विश्लेषण जारी करेगा, जिसमें हमारे वैश्विक नेटवर्क द्वारा उपलब्ध कराए गए मामलों को संकलित किया जाएगा। यह सार्वजनिक और निजी क्षेत्रों को जोखिमों को समझने और उभरते खतरों के प्रति सतर्क रहने में मदद करने के लिए एक वेबिनार भी आयोजित करेगा।
एफएटीएफ की अध्यक्ष एलिसा डी आंदा माद्राजो ने हाल ही में कहा था कि कोई भी कंपनी, प्राधिकरण या देश अकेले आतंकवाद की चुनौती का मुकाबला नहीं कर सकता। हमें वैश्विक आतंकवाद के संकट के खिलाफ एकजुट होना चाहिए। क्योंकि आतंकवादियों को अपना लक्ष्य हासिल करने के लिए केवल एक बार सफल होने की जरूरत होती है, जबकि हमें इसे रोकने के लिए हर बार सफल होना होगा।
भारत लगातार कर रहा मांग : भारत लगातार मांग कर रहा है कि पाकिस्तान को एफएटीएफ की ग्रे लिस्ट में डाला जाना चाहिए। भारत ने कहा है कि पाकिस्तान ने आतंकियों को सुरक्षित पनाह दह हुई है। एफएटीएफ के एशिया प्रशांत समूह (एपीजी) की 25 अगस्त और एफएटीएफ समूह की 20 अक्तूबर को होने वाली बैठक से पहले भारत एफएटीए के मानकों के उल्लंघन को लेकर पाकिस्तान के खिलाफ एक डोजियर तैयार कर रहा है।
24 देश एफएटीएफ की ग्रे लिस्ट में : मौजूदा समय में दुनिया के 24 देश एफएटीएफ की ‘ग्रे लिस्ट’ में हैं। इन देशों पर कड़ी नजर रखी जा रही है। उन्हें मनी लॉन्ड्रिंग, आतंकवादी फंडिंग का मुकाबला करने के लिए रणनीतिक कमियों को दूर करना होगा। 2018 में पाकिस्तान को एफएटीएफ की ग्रे लिस्ट में रखा गया था और उसने मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकी वित्तपोषण पर लगाम लगाने के लिए एक कार्ययोजना दी थी। इसके बाद 2022 में एफएटीएफ ने पाकिस्तान को इस सूची से हटा दिया था।