नई दिल्ली/वाशिंगटन : अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार को पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल असिम मुनीर से मुलाकात की। इस मुलाकात को लेकर ट्रंप ने कहा कि वह जनरल मुनीर को युद्ध में शामिल न होने और उसे खत्म करने के फैसले के लिए धन्यवाद देना चाहते थे। पत्रकारों से बातचीत के दौरान ट्रंप ने कहा कि मैंने उन्हें इसलिए बुलाया क्योंकि मैं उन्हें शुक्रिया कहना चाहता था कि उन्होंने युद्ध नहीं किया और उसे खत्म किया।
ट्रंप ने आगे बताया कि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से हाल ही में मेरी मुलाकात हुई है। अमेरिका अब भारत और पाकिस्तान दोनों के साथ व्यापार समझौते पर काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि मैं बहुत खुश हूं कि दो बहुत समझदार नेताओं ने युद्ध को आगे न बढ़ाने का फैसला किया। दोनों देश परमाणु शक्ति हैं और उनका यह कदम बहुत अहम है। आज उनसे मिलना मेरे लिए सम्मान की बात थी।
मुनीर की मेजबानी, ट्रंप का कूटनीतिक कदम : बता दें कि एक दुर्लभ कूटनीतिक कदम उठाते हुए अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार को व्हाइट हाउस में पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर की मेजबानी की। ट्रंप ने उन्हें खासतौर पर दोपहर के भोजन पर बुलाया। यह बैठक भारत और पाकिस्तान के बीच हाल ही में चार दिन तक चले सैन्य तनाव के कुछ ही सप्ताह बाद हुई है। साथ ही यह ऐसे समय पर हुई है जब इस्राइल और ईरान के बीच तनाव लगातार बढ़ रहा है और अमेरिका की भागीदारी को लेकर अटकलें तेज हैं।
बंद कमरे में ट्रंप और मुनीर की मुलाकात : इस्राइल और ईरान के बीच बढ़ते तनाव को देखते हुए ट्रंप की ये मुलाकात बेहद अहम हो सकता है। कारण है कि पाकिस्तान का ईरान के साथ पुराने समय से गहरा रिश्ता रहा है, ऐसे में यह मुलाकात और भी खास मानी जा रही है। पाकिस्तानी चैनल जियो न्यूज के अनुसार, जनरल मुनीर और राष्ट्रपति ट्रंप के बीच बैठक बंद कमरे में हुई।
हालांकि फिलहाल यह साफ नहीं हो पाया है कि दोनों नेताओं के बीच किस मुद्दे पर बातचीत हुई। लेकिन यह जरूर उल्लेखनीय है कि अमेरिका में किसी विदेशी सेना प्रमुख को व्हाइट हाउस में लंच पर बुलाना एक असाधारण मामला है।
व्हाइट हाउस में लंच से पहले भारत से पीएम मोदी की दो टूक : इससे पहले अमेरिका में दोपहर के इस भोज से पहले भारत ने अमेरिका को दो टूक संदेश भी दिया। पीएम मोदी ने फोन पर बातचीत के दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप से स्पष्ट शब्दों में कहा कि भारतीय सेना के ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को पाकिस्तान के अनुरोध के बाद रोका गया था। इसमें अमेरिकी मध्यस्थता या व्यापार सौदे की पेशकश जैसी कोई वजह नहीं थी।
विदेश मंत्रालय ने बताया कि पिछले महीने सात मई को हुए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ और 10 मई को सीजफायर की घोषणा के बाद ट्रंप और पीएम मोदी ने पहली बार बातचीत की है। यही नहीं पीएम मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति के निमंत्रण को ठुकरा दिया और कहा कि कनाडा से लौटते समय उनका वाशिंगटन में रुकना संभव नहीं है।