नई दिल्ली : पाकिस्तानी सेना के अफसरों की इन दिनों बुरी शामत आई है. न जाने कौन सा भूत आया है, जो लगातार अफसरों की मौत का कारण बन रहा है.ताजा वाकया पाकिस्तान के तीन सैन्य अफसरों के अपहरण का है, जिसमें एक तो दहशत के मारे हार्ट अटैक से मर गया. जबकि एक मेजर बुधवार को बलूचिस्तान प्रांत में विद्रोहियों के साथ गोलीबारी में मारा गया था.
खबरों के मुताबिक, खैबर पख्तूनख्वा के टांक प्रांत में बुधवार को तीन अफसर जब एक वाहन से जा रहे थे, तो विद्रोहियों ने उन्हें घेर लिया. इसमें जिला अकाउंट्स अफसर नावेद जफर खान और दो अन्य शामिल थे. विद्रोही जब इन्हें ले जाने लगे तो दहशत के मारे जफर को दिल का दौरा आ गया और उसकी मौत हो गई. बाकी के दो सुरक्षा अधिकारियों को बाद में सुरक्षित बचा लिया गया. सूत्रों का कहना है कि विद्रोहियों ने उनका फोन छीन लिया और वो जब अपने ऑफिस तक नहीं पहुंचे तो आतंकवाद रोधी विभाग के अधिकारियों के होश फाख्ता हो गए.
इससे एक दिन पहले पाकिस्तान सेना का एक मेजर मेजर मोइज अब्बास विद्रोहियों के साथ मुठभेड़ में मारे गए थे. मेजर मोइज अब्बास पाकिस्तानी सेना का वो अधिकारी है, जिसे फरवरी 2019 में ऑपरेशन बालाकोट के दौरान विंग कमांडर अभिनंदन वर्धमान को पकड़ा था. अभिनंदन का फाइटर जेट नियंत्रण रेखा के पार क्रैश हो गया था और वो पैराशूट के जरिये नीचे आए थे, लेकिन वो सीमा पार चले गए.
मोइज अब्बास वजीरिस्तान प्रांत में तालिबान पाकिस्तान के साथ मुठभेड़ में जान गंवा बैठे. पाकिस्तानी सेना के जवानों सरगोधा खुर्रम इलाके में पाक तालिबान ने छापामार हमला किया था. इसमें पाकिस्तानी सेना के दो अधिकारियों की मौत हो गई थी.
पाकिस्तान फौज के करीब दो दर्जन से ज्यादा जवान भी अकेले जून महीने में बलूचिस्तान प्रांत में मारे गए हैं. बलूच लिबरेशन आर्मी की छापामार कार्रवाई से पाकिस्तानी सेना दहशत में है. सीमावर्ती इलाकों में कई हिस्से में तो पाकिस्तानी सेना जाने से कतराती है. बलूच लिबरेशन आर्मी ने पाकिस्तानी सेना पर उसके कार्यकर्ताओं के अपहरण-हत्या और यातनाएं देने का आरोप लगाया है. पाकिस्तानी सेना से वो ऐसे ही जुल्मों का बदला ले रहे हैं. पाकिस्तान के सेनाध्यक्ष जनरल आसिम मुनीर को अमेरिका में भी अपने ही देश के नागरिकों की आलोचना सुननी पड़ी थी.