नई दिल्ली : पृथ्वी का भविष्य उतना स्थिर नहीं जितना हम सोचते हैं। एक नए शोध ने चौंकाने वाला खुलासा किया है कि अगर कोई तारा हमारे सौर मंडल के पास से गुजर जाए तो उसकी गुरुत्वाकर्षणीय ताकत पृथ्वी समेत अन्य ग्रहों की कक्षाओं को हिला सकती है। इससे न केवल ग्रहों की टक्कर हो सकती है, बल्कि पृथ्वी सूर्य में समा सकती है या सौरमंडल से बाहर फेंकी जा सकती है।
‘इकारस’ पत्रिका में प्रकाशित इस अध्ययन में हजारों कंप्यूटर सिमुलेशन के आधार पर दावा किया गया है कि सौरमंडल की स्थिरता पहले समझे गए अनुमानों से कहीं अधिक कमजोर है। हमारे सूर्य के बराबर द्रव्यमान वाला कोई तारा अगर 10,000 खगोलीय इकाइयों (एयू) के भीतर से गुजरता है, तो उसके गुरुत्वीय प्रभाव से ऊर्ट क्लाउड में हलचल मच सकती है, जो तरंग के रूप में अंदर की ओर आएगी और ग्रहों की कक्षाओं में गड़बड़ी कर सकती है।
ऊर्ट क्लाउड हमारे सौर मंडल के चारों ओर एक विशाल गोलाकार बादल है जो बर्फीले पिंडों से बना है। यह सूर्य से बहुत दूर स्थित है और वैज्ञानिकों का मानना है कि यह लंबी अवधि वाले धूमकेतुओं का स्रोत है। हालांकि तारकीय गति को रोका नहीं जा सकता, लेकिन वैज्ञानिक कुछ सैद्धांतिक समाधान तलाश रहे हैं। जैसे क्षुद्रग्रह फ्लाईबाई या सौर पाल तकनीकों के जरिए ग्रहों की कक्षाएं स्थिर रखने के प्रयास। हालांकि यह तकनीक अभी कल्पनातीत हैं फिर भी वे भविष्य में किसी तारकीय संकट के समय उम्मीद की किरण हो सकती हैं।
पृथ्वी की कक्षा…जीवन के लिए एक दुर्लभ वरदान : यह शोध इस ओर भी इशारा करता है कि हमारी पृथ्वी जैसी स्थिर कक्षा वाले ग्रह ब्रह्मांड में बहुत दुर्लभ हैं। बाइनरी स्टार सिस्टम और घने तारकीय समूहों में अस्थिरता का खतरा और भी अधिक होता है। ऐसे में पृथ्वी की वर्तमान स्थिति जीवन के अनुकूल एक असाधारण संयोग है, जिसे शायद हम हमेशा के लिए बनाए नहीं रख सकते। यह न केवल एक वैज्ञानिक चेतावनी है बल्कि हमारे अस्तित्व की नाजुकता का अहसास भी कराता है। हम एक विशाल और गतिशील ब्रह्मांड में हैं, जहां कोई भी अप्रत्याशित परिवर्तन हमारे अस्तित्व को पल में मिटा सकता है और शायद यही रहस्य जीवन को गतिमान और उत्सुकता से भरा हुआ बनाए रखना है।