नई दिल्ली/बीजिंग : चीन की सत्ता पर राष्ट्रपति शी जिनपिंग की पकड़ ढीली होती दिखाई दे रही है। जिनपिंग 12 साल से अधिक समय के अपने शासनकाल में पहली बार सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी के प्रमुख संगठनों को अधिकार सौंप रहे हैं। इससे अटकलें लगाई जा रही हैं कि वे व्यवस्थित सत्ता हस्तांतरण के लिए आधार तैयार कर रहे हैं या संभावित सेवानिवृत्ति की तैयारी के तहत अपनी भूमिका को कम कर रहे हैं।
जिनपिंग के सत्ता हस्तांतरण के बारे में अटकलें तब तेज हुईं जब सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ ने हाल ही में बताया कि सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना (सीपीसी) के शक्तिशाली 24 सदस्यीय राजनीतिक ब्यूरो ने 30 जून को अपनी बैठक में पार्टी के संस्थानों के काम को लेकर नए नियमों की समीक्षा की।
जिनपिंग की अध्यक्षता में हुई बैठक में इस बात पर जोर दिया गया कि ये नियम सीपीसी केंद्रीय समिति की निर्णय लेने वाली, विचार-विमर्श करने वाली व समन्वयकारी संस्थाओं की स्थापना, जिम्मेदारियों व संचालन को और अधिक मानकीकृत करेंगे। रिपोर्ट में कहा गया कि ऐसी संस्थाओं को अपने प्रमुख कार्यों के संबंध में नेतृत्व व समन्वय को लेकर अधिक प्रभावी प्रयोग करने चाहिए तथा प्रमुख कार्यों की योजना बनाने, चर्चा करने और देखरेख करने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। चीन में रहने वाले एक राजनीतिक विश्लेषक ने कहा कि पार्टी के इन निकायों के लिए निर्धारित किए गए नियम जिनपिंग की सेवानिवृत्ति की तैयारी का संकेत हो सकते हैं।
सत्ता परिवर्तन के लिए महत्वपूर्ण समय : हांगकांग के समाचार पत्र साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट ने रविवार को विश्लेषक के हवाले से कहा, सत्ता परिवर्तन के उद्देश्य से यह महत्वपूर्ण समय है। इसलिए हो सकता है कि निकायों को विनियमित करने के लिए ये नए नियम बनाए गए हैं। हालांकि, दूसरे विशेषज्ञों का कहना है कि सीपीसी के संस्थापक माओत्से तुंग के बाद सबसे शक्तिशाली नेता माने जाने वाले जिनपिंग खुद कुछ बड़े मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करने के लिए कुछ शक्तियां दूसरों को सौंप सकते हैं।
मुश्किल दौर से गुजर रही चीन की अर्थव्यवस्था : जिनपिंग ने सत्ता सौंपने का कदम ऐसे समय उठाया है, जब ट्रंप ने टैरिफ युद्ध शुरू कर दिया है। चीन का अमेरिका को होने वाला 440 अरब डॉलर का निर्यात बाधित हो रहा है। इसके अलावा, चीनी अर्थव्यवस्था भी कई चुनौतियों का सामना कर रही है। अर्थव्यवस्था में निरंतर सुस्ती के कारण विकास में गिरावट आ रही है।
पहली बार ब्रिक्स की बैठक में भाग नहीं ले रहे जिनपिंग : जिनपिंग ने रविवार से रियो डी जेनेरियो में होने वाले ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भी भाग नहीं लिया। राष्ट्रपति बनने के बाद यह पहला मौका है, जब वे ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भाग नहीं लेंगे। शिखर सम्मेलन में चीन के प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व प्रधानमंत्री ली कियांग कर रहे हैं।
सत्ता से लेकर सेना तक बनाई मजबूत पकड़ : साल 2012 में सीपीसी के महासचिव बनकर सत्ता संभालने के बाद से जिनपिंग ने सत्ता के केंद्रों- पार्टी, राष्ट्रपति पद व केंद्रीय सैन्य आयोग (सीएमसी) के अध्यक्ष के रूप में शक्तिशाली सेना पर अपनी पकड़ को तेजी से मजबूत किया। जिनपिंग को पार्टी का मुख्य नेता घोषित किया गया।