अरुणाचल : हमारी सीमा चीन से नहीं बल्कि तिब्बत से लगती है, बीजिंग द्वारा दावा जताना गलत-CM खांडू

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नई दिल्ली : आए दिन चीन अरुणाचल प्रदेश के बारे में कुछ ना कुछ उकसाने वाला बयान देता रहता है. इसी बीच अब अरुणाचल के मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने जोरदार पलटवार करते हुए उसको औकात दिखाई है. उन्होंने कहा है कि अरुणाचल की सीमा चीन से नहीं बल्कि तिब्बत से लगती है. हम तिब्बत के साथ अपना बॉर्डर शेयर करते हैं. उन्होंने बीजिंग के बार-बार अरुणाचल पर दावा जताने को गलत बताया और कहा कि अगर ऐतिहासिक नक्शे को देखें तो भारत की किसी भी राज्य की सीमा सीधे चीन से नहीं मिलती.

हम तिब्बत से सीमा शेयर करते आए हैं… : असल में खांडू ने ये बयान धर्मशाला से लौटकर दिया जहां वे दलाई लामा के 90वें जन्मदिन समारोह में शामिल होने गए थे. उन्होंने कहा कि तिब्बत आज भले चीन के कब्जे में हो लेकिन ऐतिहासिक तौर पर हम तिब्बत से सीमा शेयर करते आए हैं. उन्होंने बताया कि अरुणाचल तीन देशों के साथ सीमा शेयर करता है. भूटान से करीब 150 किमी तिब्बत और म्यांमार करीब 550 किमी से जुड़ा है.

चीन पर भरोसा नहीं किया जा सकता.. : हालांकि सीएम खांडू ने चीन द्वारा ब्रह्मपुत्र तिब्बती नाम यारलुंग त्संगपो पर बन रहे विशाल डैम को वाटर बम बताया. उन्होंने लगभग चेतावनी दी कि ये प्रोजेक्ट अरुणाचल और पूर्वोत्तर भारत के लिए अस्तित्व का संकट बन सकता है. चीन किसी भी अंतरराष्ट्रीय जल संधि का हिस्सा नहीं है इसलिए उस पर भरोसा नहीं किया जा सकता.

अचानक डैम से पानी छोड़ा तो : उन्होंने कहा कि अगर चीन ने अचानक डैम से पानी छोड़ा तो सियांग नदी का पूरा इलाका तबाह हो सकता है. इस क्षेत्र में रहने वाली आदि जनजाति और अन्य समुदायों को भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है. इस खतरे से निपटने के लिए अरुणाचल सरकार ने केंद्र के साथ मिलकर सियांग अपर मल्टीपर्पस प्रोजेक्ट की योजना बनाई है.

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