नई दिल्ली/बैंकॉक : थाईलैंड में एक बड़े ब्लैकमेल स्कैंडल ने देश को हिला कर रख दिया है। पुलिस ने मंगलवार को एक महिला को गिरफ्तार किया है, जिस पर आरोप है कि उसने बौद्ध भिक्षुओं को यौन संबंधों के लिए फंसाया और फिर उन्हें पैसों के लिए ब्लैकमेल किया। यह मामला इसलिए भी चर्चा में है, क्योंकि इसमें भिक्षुओं ने अपने ब्रह्मचर्य के संकल्प को तोड़ा है। रॉयल थाई पुलिस के केंद्रीय जांच ब्यूरो के मुताबिक, नौ प्रमुख भिक्षु और मंदिरों के वरिष्ठ भिक्षुओं को इस मामले के चलते बौद्ध धर्म से निष्कासित कर दिया गया है।
विलावन एमसावत कौन है? : विलावन एमसावत एक 35 वर्षीय महिला है। उसे बैंकॉक के पास नोनथाबुरी स्थित उसके आलीशान घर से गिरफ्तार किया गया। उस पर ब्लैकमेलिंग, धनशोधन और चोरी के सामान को रखने के आरोप लगे हैं। पुलिस का कहना है कि उसने कम से कम नौ भिक्षुओं के साथ यौन संबंध बनाए थे।
बौद्ध भिक्षुओं के साथ अंतरंग संबंध के वीडियो मिले : पुलिस ने जब उसके मोबाइल फोन जब्त किए तो उन्हें ऐसे मैसेज और निजी वीडियो मिले जिनमें वह कथित तौर पर बौद्ध भिक्षुओं के साथ अंतरंग संबंध बनाते दिखाई दे रही थी। जांच में यह भी सामने आया कि उसने ब्लैकमेल से मिली रकम का बड़ा हिस्सा ऑनलाइन जुए में खर्च कर दिया था। थाईलैंड में ऑनलाइन जुआ खेलना गैरकानूनी है।
भिक्षु ने विलावन को गिफ्ट में दी थी कार : ‘द टाइम्स’ के मुताबिक, कुछ भिक्षुओं ने यह माना है कि उनके विलावन से संबंध थे। बताया जा रहा है कि वह सोशल मीडिया के जरिए इन भिक्षुओं से संपर्क करती थी। एक भिक्षु ने दावा किया कि उसके विलावन से लंबे समय तक संबंध थे और उसने उसे एक कार भी दी थी। लेकिन जब उसे पता चला कि वह किसी और भिक्षु को भी डेट कर रही है, तो उनके बीच झगड़ा हुआ और फिर महिला ने उससे पैसे मांगने शुरू कर दिए।
80,000 अश्लील फाइल और 102 करोड़ की ब्लैकमेलिंग : बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक, पुलिस का मानना है कि पिछले तीन वर्षों में विलावन ने करीब 385 मिलियन बात (लगभग 102 करोड़ रुपये) की कमाई की है। पुलिस को उसके घर से 80 हजार से ज्यादा तस्वीरें और वीडियो मिले हैं, जिनमें वह अलग-अलग बौद्ध भिक्षुओं के साथ यौन क्रियाओं में शामिल है। यही तस्वीरें और वीडियो वह ब्लैकमेल के लिए इस्तेमाल करती थी।
विलावन का दावा – एक भिक्षु ने बच्चे को जन्म दिया : डेली स्टार की रिपोर्ट के अनुसार, विलावन का दावा है कि उसका एक बच्चा भी है, जिसे उसने एक भिक्षु से जन्म दिया है। पुलिस ने बताया कि यह मामला जून के मध्य में तब सामने आया जब बैंकॉक के एक प्रमुख मंदिर के भिक्षु ने अचानक संन्यास छोड़ दिया। यह उसी समय हुआ, जब एक महिला ने उसे ब्लैकमेल किया। बताया जा रहा है कि वाट त्रिथोत्सथेप मंदिर के प्रमुख भिक्षु अचानक गायब हो गए थे। पुलिस का कहना है कि वह महिला की ब्लैकमेलिंग से बचने के लिए फरार हो गए और अब वह महिला दावा कर रही है कि वही भिक्षु उसके बच्चे का पिता है।
द टाइम्स के मुताबिक, इस मामले में नौ भिक्षुओं को बौद्ध धर्म से निष्कासित किया जा चुका है और दो अब तक फरार हैं। थाई संसद की एक समिति ने सुझाव दिया है कि कानून में बदलाव किया जाए, ताकि उन महिलाओं पर भी मामला दर्ज किया जा सके जो भिक्षुओं से यौन संबंध बनाती हैं। इस प्रस्ताव से जनता मे आक्रोश है, क्योंकि उनका मानना है कि पुरुषों को अपने कर्मों की जिम्मेदारी खुद लेनी चाहिए।
बैंकॉक पोस्ट की लेखिका सानितसुदा एकाचाई ने लिखा, यह स्कैंडल दिखाता है कि शीर्ष भिक्षुओं के बीच झूठ और पाखंड की व्यवस्था बनी हुई है। इतने ज्यादा मामलों का सामने आना बताता है कि यह कोई एक घटना नहीं है, बल्कि यह सब मंदिरों के भीतर आमतौर पर होता है। सानितसुदा आगे लिखती हैं, महिलाओं को लंबे समय से भिक्षुओं की आध्यात्मिक पवित्रता के ‘शत्रु’ के रूप में देखा गया है। कुछ मंदिरों की दीवारों पर तो उन्हें सांप के रूप में चित्रित किया गया है। यही वजह है कि आज भी महिलाओं को भिक्षुणी बनने की अनुमति नहीं दी जाती और अब जब धर्मगुरुओं का नैतिक पतन सबके सामने है, तो दोष महिला पर डाला जा रहा है और भिक्षुओं को पीड़ित बताया जा रहा है।
थाईलैंड की 90 फीसदी से ज्यादा आबादी बौद्ध धर्म का पालन करती है और किसी भी समय देश में करीब 200,000 भिक्षु और 85,000 प्रशिक्षु भिक्षु होते हैं। थाईलैंड में बौद्ध भिक्षुओं से जुड़े कई स्कैंडल सामने आते रहे हैं, जिनमें अक्सर यौन संबंध या पैसे से जुड़ी धोखाधड़ी शामिल होती है। ये मामले आम होते हैं और बौद्ध संघ के अंदर भी ऐसी घटनाएं सामने आती रहती हैं। लेकिन इस मामले को खास इसलिए माना जा रहा है क्योंकि इसमें बहुत ऊंचे पद पर बैठे भिक्षु भी शामिल हैं।