नई दिल्ली : भारत की युवा चेस प्लेयर दिव्या देशमुख ने महिला चेस वर्ल्ड कप 2025 का खिताब जीत लिया है. सिर्फ 19 साल की दिव्या ने जॉर्जिया में हुए इस वर्ल्ड कप के फाइनल में भारत की ही दिग्गज खिलाड़ी कोनेरू हंपी को शिकस्त देते हुए ये खिताब जीत लिया. इसके साथ ही वो वर्ल्ड कप जीतने वाली पहली भारतीय महिला चेस स्टार बन गईं. पिछले साल ही दिव्या ने जूनियर वर्ल्ड चैंपियन का खिताब जीता था और अब वो महिला चेस वर्ल्ड कप की चैंपियन भी बन गईं. इतना ही नहीं, इस खिताबी जीत के साथ ही वो अब भारत की चौथी महिला ग्रैंडमास्टर भी बन गई हैं.
जॉर्जिया के बाटुमी में पिछले करीब 3 हफ्तों से महिला चेस वर्ल्ड कप का आयोजन हो रहा था, जहां दिव्या देशमुख ने फाइनल में पहुंचकर इतिहास रचा था. फिर उनके बाद भारत की पहली महिला ग्रैंडमास्टर कोनेरू हंपी ने भी फाइनल में पहुंचकर इस खिताबी मुकाबले को खास बना दिया था. इतना तय हो गया था कि जीत चाहे जिसकी भी हो, खिताब भारत के हिस्से में ही आएगा और पहली बार कोई भारतीय महिला चेस वर्ल्ड कप चैंपियन बनेगी. मगर इस बार युवा जोश के आगे अनुभव को शिकस्त मिली.
टाईब्रेक में दिव्या ने जीता खिताब : दिव्या और कोनेरू के बीच शनिवार 26 जुलाई को फाइनल में पहली टक्कर हुई थी, जहां 19 साल की इंटरनेशनल मास्टर खिताब जीतने के करीब नजर आ रही थी. मगर आखिरी मौके पर उन्होंने एक गलती की और यहां से कोनेरू ने वापसी करते हुए मैच को ड्रॉ करवा दिया. फिर रविवार को दोबारा दोनों की टक्कर हुई और इस बार भी मैच ड्रॉ पर खत्म हुआ. ऐसे में चैंपियन का फैसला करने के लिए टाईब्रेक की नौबत आई. फाइनल के शुरुआती दोनों मैच क्लासिकल फॉर्मेट में खेले गए लेकिन टाईब्रेक रैपिड फॉर्मेट में खेला जाना था और यहां 38 साल की कोनेरू अपनी जूनियर के मुकाबले ज्यादा मजबूत थीं क्योंकि इस फॉर्मेट में वो दिव्या की तुलना में ज्यादा बेहतर खिलाड़ी हैं.
मगर सोमवार 28 जुलाई को हुए टाईब्रेक मुकाबले में कहानी एकदल पलट गई. दिव्या ने अपनी दोगुनी उम्र की कोनेरू को उनके ही गेम में फंसाया और गलती के लिए मजबूर कर दिया. आखिरकार दिव्या ने टाईब्रेक में जीत दर्ज करते हुए खिताब अपने नाम कर लिया. सिर्फ 19 साल की उम्र में वो ये खिताब जीतने वाली पहली भारतीय महिला बन गईं. इतना ही नहीं, अब वो भारत की चौथी महिला ग्रैंडमास्टर भी बन जाएंगी. संयोग से ये उपलब्धि उन्होंने भारत की पहली महिला ग्रैंडमास्टर को हराकर ही हासिल की है.
डेढ़ साल के अंदर तीसरा खिताब : दिव्या की ये खिताबी जीत उनके पिछले डेढ़ साल के सफलता के सिलसिले में एक और नया अध्याय है. इससे पहले पिछले साल ही दिव्या ने जूनियर चेस वर्ल्ड चैंपियनशिप में गर्ल्स कैटेगरी का खिताब जीता था. फिर बुडापेस्ट में उन्होंने भारतीय महिला टीम को चेस ओलंपियाड का चैंपियन बनाने में अहम भूमिका निभाई थी. इस दौरान उन्होंने इंडिविजुअल कैटेगरी का गोल्ड मेडल भी जीता था. अब चेस वर्ल्ड कप जीतकर उन्होंने अपना नाम भारतीय चेस के इतिहास में हमेशा के लिए दर्ज करवा लिया.