कर्नाटक : हिंदू छात्राओं को हिजाब पहनने के लिए किया मजबूर, असिस्टेंट प्रोफेसर मजीद पर लगा आरोप

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हैदराबाद : कर्नाटक की कलबुर्गी सेंट्रल यूनिवर्सिटी की छात्राओं को फील्ड ट्रिप के दौरान हिजाब पहनने के लिए मजबूर करने के आरोप लगे हैं। हैदराबाद के एक NGO लीगल राइट्स प्रोटेक्शन फ़ोरम ने यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार रुद्र गौड़ा पाटिल को एक पत्र लिखकर कहा कि हिस्ट्री और आर्कियोलॉजी के असिस्टेंट प्रोफेसर अब्दुल मजीद ने जानबूझकर फील्ड ट्रिप के दौरान मुस्लिम स्मारकों का दौरा करवाया और एक मजार में जाने से पहले छात्राओं को सर ढकने को कहा। इस फील्ड ट्रिप में कलबुर्गी और बीदर के स्टूडेंट्स को शामिल किया गया था।

यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार ने क्या कहा? : यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार रुद्र गौड़ा पाटिल ने कहा कि इस बाबत अभी तक किसी भी स्टूडेंट ने कोई आपत्ति दर्ज नहीं करवाई है लेकिन एक NGO की शिकायत के मद्देनजर एक समिति का गठन किया गया है। जो तथ्यों की जांच करने के बाद रिपोर्ट देगी और उस रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्यवाही की जाएगी।

कर्नाटक में पहले भी हो चुका है हिजाब विवाद : कर्नाटक में पहले भी हिजाब की वजह से विवाद हो चुका है। दरअसल 31 दिसंबर, 2021 को उडुपी जिले के एक सरकारी प्री-यूनिवर्सिटी (PU) कॉलेज में छह मुस्लिम छात्राओं को हिजाब पहनने के कारण कक्षा में प्रवेश से रोक दिया गया। यह मामला जनवरी 2022 में सुर्खियों में आया और जल्द ही पूरे राज्य में फैल गया।

प्रशासन का कहना था कि वे कर्नाटक सरकार के दिशानिर्देशों का पालन कर रहे थे, जो छात्रों के बीच एकरूपता सुनिश्चित करने के लिए थे। लेकिन छह छात्राओं ने इस नीति के खिलाफ विरोध शुरू किया और 2 जनवरी 2022 को निलंबित कर दिया गया। उन्होंने दावा किया कि हिजाब पहनना उनका धार्मिक और मौलिक अधिकार है, जो भारतीय संविधान के अनुच्छेद 25 (धार्मिक स्वतंत्रता) के तहत संरक्षित है। यह मामला उडुपी से अन्य कॉलेजों और जिलों में फैल गया। कुछ हिंदू छात्रों ने हिजाब के विरोध में भगवा शॉल पहनकर जवाबी प्रदर्शन शुरू किए, जिससे सांप्रदायिक तनाव बढ़ गया।

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