नई दिल्ली : पाकिस्तान में शामिल पंजाब का हिस्सा बुरी तरह से बाढ़ के पानी से प्रभावित हो गया है. तीन बड़ी नदियों चनाब, रावी और सतलुज में पानी के जलस्तर बढ़ने के कारण प्रांत में तबाही मचा दी है. बाढ़ के बढ़ते खतरे को देखते हुए प्रशासन को चनाब नदी के किनारे बने कादराबाद डैम के पास एक बांध को विस्फोट से तोड़ना पड़ा, ताकि डैम को बचाया जा सके और पानी का दबाव कम हो सके.
पाकिस्तान में आए इस बाढ़ के कारण दुनिया के सबसे पवित्र सिख स्थलों में से एक, करतारपुर साहिब गुरुद्वारा भी जलमग्न हो गया है. यह वही स्थान है जहां सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देव जी ने 1539 में अंतिम सांस ली थी. यहां कई लोगों फंसे हुए थे, जिन्हें रेस्क्यू करके सुरक्षित जगह पर पहुंचाया गया है. हालांकि प्रशासन राहत कार्य में लगी हुई है, लेकिन इस आपदा से निपटने के लिए पाकिस्तान की तैयारी कम नजर आ रही है. जिससे बचने के लिए अभी से ही यहां के अफसर भारत को बाढ़ के लिए जिम्मेदार ठहरा रहे हैं.
रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया गया : पंजाब प्रांत की आपदा प्रबंधन एजेंसी के प्रवक्ता मज़हर हुसैन ने बताया कि पानी के तेज बहाव को रोकने के लिए हमने डैम की एक साइड की दीवार को कंट्रोल रूप से तोड़ दिया है, जिससे डैम सुरक्षित रह सके. इसके अलावा गुरुद्वारा करतारपुर साहिब में लगभग 100 लोग फंसे हुए थे, जिन्हें निकालने के लिए 5 नावों की मदद से रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया गया.
भारत से छोड़ा गया पानी बना आफत : पाकिस्तानी अधिकारियों के अनुसार, भारत की ओर से डैम का पानी छोड़े जाने के कारण भी पाकिस्तान में बाढ़ की स्थिति और गंभीर हो गई है. हालांकि भारत ने राजनयिक चैनलों के जरिए पहले से सूचना दे दी थी, लेकिन बाढ़ का प्रकोप थमने का नाम नहीं ले रहा.
इन इलाकों में दिखेगा बाढ़ का ज्यादा असर : पंजाब प्रांत के आपदा प्रमुख इरफान अली ने बताया कि लाहौर के आसपास के इलाकों में आज रात और कल सुबह के बीच बाढ़ का असर सबसे ज्यादा महसूस किया जाएगा.
2 लाख से ज्यादा लोग सेफ जगहों पर : प्रशासन और सेना की मदद से अब तक करीब 2,10,000 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है. इसके अलावा पशुओं को भी सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया गया है ताकि जान-माल का नुकसान कम हो.
जून से अब तक सैकड़ों लोगों की मौत : पाकिस्तान इस साल भीषण मानसून का सामना कर रहा है. जून से अब तक 800 से अधिक लोगों की मौत बाढ़ और भूस्खलन की घटनाओं में हो चुकी है. लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया जा रहा है, लेकिन नदियों का बढ़ता जलस्तर और लगातार बारिश हालात को और बिगाड़ रहे हैं.