मप्र : कांग्रेसी नेता शहजाद की 10 करोड़ के आलीशान महल पर चला बुलडोजर, थाना पर पथराव का आरोपी 

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छतरपुर : मध्य प्रदेश के छतरपुर में माहौल बिगाड़ने की साजिश पर अब एक्शन जारी है। थाने पर पत्थर बरसाने वाले उपद्रवी पर रडार पर हैं। महाराष्ट्र में हिंदू संत रामगिरी महाराज के बयान को आधार बना कर छतरपुर में बवाल मचाया गया। 21 अगस्त को मुस्लिम समाज की भीड़ ने थाने को घेर लिया और उत्पात मचाया। इसके बाद 22 अगस्त को छतरपुर में बुलडोजर चलना शुरू हो गया। शहर के पूर्व सदर हाजी शहजाद अली, जावेद अली, युसूफ पठान, नाज़िम चौधरी और आजाद अली को पुलिस ने मास्टरमाइंड माना है।  इस मामले के मुख्य आरोपी और कांग्रेस के पूर्व जिला उपाध्यक्ष हाजी शहजाद अली की 10 करोड़ की आलीशान हवेली को ध्वस्त कर दिया गया।

2017 से चल रहा था रहा था निर्माण : प्रशासन का दावा है कि करीब 20 हजार वर्ग फीट जगह पर यह हवेली बिना अनुमति के बनाई गई थी। बॉलीवुड फिल्म ‘नरसिम्हा’ में बाप जी की हवेली की तर्ज पर शहजाद अपने सपनों की मंजिल बनवाने में करीब 10 करोड़ से ज्यादा रुपये लगा चुका था। फिल्म नरसिम्हा में बाप जी आतंक के जरिए वर्चस्व स्थापित कर रहा था। उसी तरह शहजाद ने भी छतरपुर के मुस्लिम समाज में वर्चस्व दिखाने के लिए बाप जी जैसी कोठी बनवाई थी।

इस हवेली का निर्माण कार्य 2017 से चल रहा था। फिलहाल गृह प्रवेश नहीं हुआ था। प्रशासन की कार्रवाई के दौरान घर में रखे तीन कारें, दो स्कूटी और दो बाइक पर बुलडोजर से रौंद दी गईं। प्रशासन के एक्शन पर कांग्रेस सांसद इमरान प्रतापगढ़ी भड़क गए हैं। उन्होंने सोशल मीडिया पर पोस्ट के जरिए बीजेपी सरकार पर निशाना साधा है। बीजेपी की केंद्र और प्रदेश सरकार पर मुसलमानों के खिलाफ नफरत का आरोप लगाया है।

कैसे हुई पत्थरबाजी की घटना? : मध्य प्रदेश के छतरपुर में साजिश के पत्थर पर अब बुलडोजर गरज रहा है। दरअसल, बवाल का ये पूरा मामला फिल्मी है। छतरपुर के मुस्लिम समाज में किसका वर्चस्व होगा इसको लेकर पूर्व सदर हाजी शहजाद अली और मौजूदा सदर जावेद अली के बीच जंग थी। मुस्लिम हिमायती बनने के लिए रामगिरी महाराज को आधार बनाया गया। एक गुट कलेक्टर के पास जा रहा था तभी दूसरे पक्ष ने पूरी भीड़ को पुलिस थाने की मोड़ दिया। प्लानिंग के तहत हथियार, ईंट-पत्थर लेकर भीड़ पहुंची और फिर उपद्रव की साजिश को अंजाम दिया गया। पुलिस का एक्शन जारी है, आज भी बुलडोजर बवाल मचाने वालों के अवैध निर्माण को तलाश रहा है।

दरअसल हिंदू संत रामगिरी महाराज ने कई दिनों पहले महाराष्ट्र में विवादित बयान दिया। महाराष्ट्र समेत कई शहरों में FIR भी दर्ज कराई गई है। इसी बयान को मुद्दा बनाकर मुस्लिम भीड़ को उकसाया गया और शहर का माहौल बिगाड़ने की कोशिश की गई। थाने को घेरकर प्रदर्शन करने आई भीड़ अचानक उग्र हो गई। पत्थरों की बारिश होने लगी जिससे थाने के अंदर पुलिसकर्मी चोटिल हो गए। इसलिए पुलिस ने इस तरह का एक्शन लिया।

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