अलीगढ : उत्तर प्रदेश में अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय प्रशासन का एक बार फिर दोहरा रवैया सामने आया है. यूनिवर्सिटी प्रशासन ने हिंदू छात्रों को होली मिलन समारोह के आयोजन की अनुमति देने से इनकार कर दिया है, जिससे स्टूडेंट्स में नाराजगी है. उनका आरोप है कि एएमयू प्रशासन हिंदू छात्रों के साथ भेदभाव कर रहा है. एएमयू परिसर के हर एक हाल में रोजा इफ्तार पार्टी करने के साथ चेहल्लुम और ताजिये भी निकाले जाते हैं. लेकिन हिंदू छात्रों को एक हॉल में होली मिलन समारोह की अनुमति नहीं दी जाती. उन्होंने इस मामले पर प्रदेश और केंद्र सरकार से कार्रवाई की मांग की है.
होली मनाने की परमीशन देने से किया इनकार : एएमयू में मास्टर्स डिग्री कर रहे अखिल कौशल ने बताया कि हिंदू छात्रों ने 25 फरवरी को एएमयू के प्रॉक्टर को एक पत्र सौंपकर 9 मार्च को एएमयू के एनआरएससी क्लब में होली मिलन समारोह आयोजन करने की अनुमति मांग की थी. इस मुद्दे पर वाइस चांसलर प्रोफेसर नईमा खातून ने प्रोफेसर और डीन की मीटिंग बुलाई. जब इस मुद्दे पर कोई जवाब नहीं मिला तो हिंदू छात्र दोबारा से प्रॉक्टर प्रोफेसर वसीम अली से मिले. उन्होंने अवगत कराया कि होली मिलन समारोह आयोजित करने की अनुमति नहीं दी जाएगी.
‘मिनी इंडिया’ में हिंदुओं को नहीं कोई अधिकार! : उन्होंने सवाल किया कि एएमयू में अन्य धर्म के धार्मिक आयोजन किए जाते हैं. उससे हिंदू छात्रों को कोई आपत्ति नहीं है. ऐसे में हिंदू छात्रों को एक बंद हॉल में होली मिलन समारोह करने से क्यों रोका जा रहा है. जबकि प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में एएमयू को मिनी इंडिया बताया था और इंडिया सभी धर्म के सम्मान करने के बारे में जाना जाता है. इसलिए एएमयू की वाइस चांसलर प्रोफेसर नईमा खातून को भी सभी धर्म का सम्मान रखते हुए उनके कार्यक्रम की अनुमति देनी चाहिए.
पीएम के संज्ञान में लाया जाएगा मुद्दा : उन्होंने कहा कि अगर हमको होली मिलन समारोह आयुर्वेद करने की अनुमति नहीं दी गई तो इस मामले को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संज्ञान में लाया जाएगा. अखिल ने बताया कि वीसी की बैठक में जिस तरह की चर्चा हुई है, उसके ऑडियो और वीडियो हिंदू स्टूडेंट्स के पास मौजूद हैं. अगर हमें अनुमति नहीं दी गई तो उन ऑडियो वीडियो को सोशल मीडिया पर वायरल कर एएमयू को एक्सपोज कर दिया जाएगा.