नई दिल्ली : कर्नाटक विधानसभा में शुक्रवार का दिन हंगामे के नाम रहा। हनी ट्रैप और मुसलमानों के लिए चार प्रतिशत आरक्षण को लेकर सदन में भाजपा विधायकों ने जमकर नारेबाजी की। इसी क्रम में कर्नाटक विधानसभा में विरोध प्रदर्शन कर रहे 18 भाजपा विधायकों को अनुशासनहीनता के आरोप में तत्काल प्रभाव से छह महीने के लिए निलंबित कर दिया। जिसके बाद मार्शलों ने उन्हें जबरन सदन से बाहर निकाला।
पीठ के प्रति अनादर दिखाने के लिए 18 सदस्यों को विधानसभा की कार्यवाही से छह महीने के लिए निलंबित कर दिया है. जैसे ही अध्यक्ष यूटी खादर ने सदन से निलंबित किए गए सदस्यों के नाम लिए, मार्शलों ने उन्हें एक-एक करके उठाया और बाहर ले गए.
किसे निलंबित किया जाएगा : डोड्डानगौड़ा पाटिल, डॉ अश्वथ नारायण, बृति बसवराज, डॉ शैलेन्द्र बेल्डले, मुनिरत्न, धीरज मुनिराजू, बीपी हरीश, डा भरत शेट्टी, चंद्रू लमानी, उमानाथ कोटियन, सीके राममूर्ति. यशपाल सुवर्णा, बी. सुरेश गौड़ा, शरणु सालगर, चन्नबसप्पा, बसवराज, एस आर विश्वनाथ को स्पीकर यूटी खादर ने विधानसभा की कार्यवाही से छह महीने के लिए निलंबित करने का आदेश जारी किया है.
हंगामे का कारण क्या है : कर्नाटक की राजनीति में हलचल मचाने वाले हनीट्रैप और मुस्लिम आरक्षण के मुद्दों के कारण शुक्रवार सुबह से विधानसभा की कार्यवाही में भारी हंगामा हुआ. सुबह सदन की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्ष ने हनीट्रैप का मुद्दा उठाया और उच्चस्तरीय जांच की मांग पर जोर दिया. बाद में सीएम ने भी इस पर प्रतिक्रिया देते हुए अपनी नाराजगी जाहिर की.
इसके बाद सरकार ने मुस्लिम आरक्षण विधेयक पर चर्चा आगे बढ़ाई. इस बीच, भाजपा विधायकों ने कड़ा विरोध जताया. उन्होंने विधेयक की प्रतियां फाड़कर अध्यक्ष की ओर फेंकी तथा ‘हनीट्रैप सरकार’ जैसे नारे लगाए. इस बीच, अध्यक्ष ने विधायकों से धैर्य रखने और कार्यवाही में बाधा न डालने की अपील की. हालांकि, विपक्षी भाजपा सदस्यों ने विरोध जारी रखा. परिणामस्वरूप, अध्यक्ष ने 18 भाजपा सदस्यों को सदन से 6 महीने के लिए निलंबित करने का आदेश जारी किया.