नई दिल्ली/केप टाउन : पूर्वी अफ्रीका के उत्तरी मोजाम्बिक के अशांत काबो डेलगाडो प्रांत में बीते कुछ दिनों में कम से कम 120 बच्चों के अपहरण की पुष्टि हुई है। यह जानकारी मंगलवार को ह्यूमन राइट्स वॉच (एचआरडब्ल्यू) ने दी। मामले में जारी रिपोर्ट के मुताबिक, इन बच्चों को इस्लामिक स्टेट से जुड़े एक स्थानीय आतंकी समूह अल-शबाब द्वारा इस्तेमाल किया जा रहा है। बच्चों से लूट का सामान ढोने, जबरन मजदूरी, लड़ाई में इस्तेमाल और कुछ मामलों में बाल विवाह जैसे काम कराए जा रहे हैं।
अपहरण की घटनाओं में बढ़ोतरी : साथ ही ह्यूमन राइट्स वॉच ने कहा कि बीते दो महीनों में हमलों और बच्चों के अपहरण की घटनाएं फिर से बढ़ गई हैं। उन्होंने मोजाम्बिक सरकार से अपील की है कि अपहृत बच्चों को खोजने और संभावित घटनाएं रोकने के लिए ठोस कदम उठाए जाएं।
पिछले आठ साल से जारी है आतंकवादी हिंसा : बता दें कि मोजाम्बिक में इस्लामी आतंकियों के खिलाफ सरकार की लड़ाई 2017 से जारी है। सरकार को इस लड़ाई में रवांडा, दक्षिण अफ्रीका और अन्य देशों से मदद लेनी पड़ रही है।2020 में इसी समूह ने कई नरसंहार किए थे, जिनमें बच्चों के सिर तक कलम किए गए थे। चश्मदीदों ने बताया है कि कई अपहृत बच्चों को बाद में लड़ाकों के रूप में आतंकी हमलों में इस्तेमाल किया गया।
अब तक छह लाख से ज्यादा लोग विस्थापित : मामले में संयुक्त राष्ट्र की तरफ से जारी रिपोर्ट की मानें तो इस हिंसा की वजह से 6 लाख से अधिक लोग अपने घर छोड़ने को मजबूर हुए हैं। यह संकट अब पड़ोसी प्रांतों तक फैल चुका है। वहीं नॉर्वेजियन रिफ्यूजी काउंसिल (एनआरसी) के महासचिव यान एगेलन ने हाल ही में काबो डेलगाडो का दौरा किया और इन घटनाओं प्रतिक्रिया देते हुए इसे भुलाया हुआ मानवीय संकट बताया।
भुखमरी के गंभीर स्तर पर 50 लाख से ज्यादा लोग : अपने दौरे के दौरान उन्होंने कहा कि जलवायु आपदाएं, हिंसा और भुखमरी की बढ़ती मार ने यहां की जनता की हालत बेहद खराब कर दी है। एनआरसी के अनुसार, 50 लाख से अधिक लोग भुखमरी के गंभीर स्तर पर हैं, जबकि 9 लाख से ज्यादा लोग आपातकालीन भूख की स्थिति में हैं। गौरतलब है कि यह संकट मोजाम्बिक में बीते साल के चुनाव के बाद हुए हिंसक विरोध, बार-बार आने वाले चक्रवातों और अमेरिका द्वारा विदेशी सहायता में की गई कटौती के चलते और भी गंभीर हो गया है।