नई दिल्ली : एक तरफ जहां पहले से ही पाकिस्तान का हाल खस्ताहाल है तो वहीं अमेरिका ने भी अब बड़ी कार्रवाई कर दी है। अमेरिका ने पाकिस्तान के परमाणु मिसाइल कार्यक्रम पर ही हथौड़ा चला दिया है। अमेरिकी वाणिज्य विभाग के उद्योग और सुरक्षा ब्यूरो ने असुरक्षित परमाणु गतिविधियों में संलिप्तता के कारण एक दर्जन से अधिक पाकिस्तानी कंपनियों को अपनी निगरानी सूची में शामिल किया है। निगरानी सूची में शामिल कंपनियों को अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा और विदेश नीति के लिए खतरा माना जाता है।
पाकिस्तान ने भी दी प्रतिक्रिया : पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने भी इस मामले में प्रतिक्रिया दी है। विदेश मंत्रालय ने अमेरिका के इस कदम को अनुचित बताया है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता शफकत अली खान ने कहा कि अमेरिका के इस कदम का असर पाकिस्तान के आर्थिक विकास पर पड़ेगा। इस बीच यहां यह भी बता दें कि, सात दूसरी कंपनियों को भी पाकिस्तान के बैलिस्टिक मिसाइल कार्यक्रम में मदद की वजह से प्रतिबंधों का सामना करना पड़ा है।
इन पाकिस्तानी कंपनियों पर गिरी गाज : गौरतलब है कि, अमेरिका ने यह कदम तब उठाया है जब हाल ही में निर्यात प्रशासन विनियमों (EAR) में बदलाव किए गए हैं। अमेरिका के इस कदम का असर चीन, पाकिस्तान, ईरान, दक्षिण अफ्रीका और यूएई की 70 कंपनियों पर पड़ेगा। परमाणु संबंधी गतिविधियों के लिए लिस्ट में जोड़ी गई पाकिस्तानी कंपनियों में ब्रिटलाइट इंजीनियरिंग, इंटेनटेक इंटरेशनल, इंट्रालिंक इनकॉर्पोरेटेड, प्रोक मास्टर, रहमान इंजीनियरिंग एंड सर्विसेज और अन्य शामिल हैं। अमेरिका का कहना है कि जिन कंपनियों के खिलाफ एक्शन लिया गया है वो उसके राष्ट्रीय सुरक्षा या विदेश नीति के विपरीत काम कर रही हैं।
पहले भी अमेरिका ने की है कार्रवाई : यह पहला मौका नहीं है जब अमेरिका ने इस तरह की कार्रवाई की है। इससे पहले दिसंबर में भी अमेरिकी सरकार ने पाकिस्तान के नेशनल डेवलपमेंट कॉम्प्लेक्स और कराची स्थित तीन वाणिज्यिक संस्थाओं पर भी प्रतिबंध लगा दिया था। इनमें अख्तर एंड संस प्राइवेट लिमिटेड, एफिलिएट्स इंटरनेशनल और रॉकसाइड एंटरप्राइज कंपनियां शामिल थीं।