नई दिल्ली/वाशिंगटन : ट्रंप प्रशासन ने हार्वर्ड यूनिवर्सिटी को 450 मिलियन डॉलर (3,831 करोड़ रुपये) की अतिरिक्त अनुदान राशि की कटौती करने का फैसला किया है। एक संघीय यहूदी-विरोधी टास्क फोर्स ने मंगलवार को हार्वर्ड को पत्र लिखकर कहा है कि आठ संघीय एजेंसियों से अनुदान रद्द किए जा रहे हैं। ये पहले से ही ट्रंप प्रशासन की ओर से रोकी गई 2.2 बिलियन डॉलर (18,729 करोड़ रुपये) की फंडिंग से अलग है। पत्र में कहा गया कि हार्वर्ड भेदभाव और प्रदर्शन का अड्डा बन गया है। इसे अपनी शैक्षणिक उत्कृष्टता की विरासत को पुनः प्राप्त करने के लिए कठिन संघर्ष करना होगा। पत्र पर शिक्षा विभाग, स्वास्थ्य और मानव सेवा विभाग, और सामान्य सेवा प्रशासन के अधिकारियों ने हस्ताक्षर किए।
हालांकि अभी हार्वर्ड के अधिकारियों ने पत्र पर तत्काल कोई टिप्पणी नहीं की। विश्वविद्यालय पर यहूदियों के विरुद्ध भावनाओं को भड़काने और फलस्तीनियों के समर्थन में प्रदर्शन करने के आरोप हैं। ट्रंप प्रशासन ने हार्वर्ड से अपने प्रशासन में व्यापक बदलाव करने, प्रवेश नीतियों में संशोधन, और संकाय व छात्रों का ऑडिट करने को कहा है। वे कोलंबिया, पेन्सिलवेनिया, और कॉर्नेल जैसे अन्य प्रमुख विश्वविद्यालयों को भी निशाना बना रहे हैं। उनके फंडों में भी कटौती की गई है।
ट्रंप ने दी है टैक्स से छूट समाप्त करने की धमकी : गौरतलब है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन की ओर से हार्वर्ड के खिलाफ सख्त कदम उठाए जा रहे हैं। बताया जाता है कि यह पहला अमेरिकी विश्वविद्यालय है जिसने सरकार की मांगों का खुलकर विरोध किया। इसमें फिलिस्तीन समर्थक गतिविधियों को कम करना और विविधता, समानता, और समावेशन प्रथाओं को समाप्त करना शामिल हैं। ट्रंप इसके पहले हार्वर्ड पर टैक्स लगाने की धमकी देते रहे हैं। आंतरिक सुरक्षा विभाग ने विश्वविद्यालय की विदेशी छात्रों को प्रवेश देने की पात्रता रद्द करने की धमकी दी है। पिछले सप्ताह, शिक्षा विभाग ने कहा था कि हार्वर्ड को तब तक कोई नया संघीय अनुदान नहीं मिलेगा, जब तक वह सरकार की मांगें नहीं मानता।