नई दिल्ली : भारत और अमेरिका के बीच चल रहे टैरिफ विवाद के बीच राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बड़ी घोषणा की है। इसके तहत उन्होंने ऐलान किया कि वे सर्जियो गोर को भारत में अगला अमेरिकी राजदूत और दक्षिण व मध्य एशिया मामलों के विशेष दूत के रूप में नियुक्त कर रहे हैं। इस बात की जानकारी उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रूथ सोशल पर पोस्ट के माध्यम से दी। इस दौरान ट्रंप ने कहा कि मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही है कि मैं सर्जियो गोर को भारत में अगला अमेरिकी राजदूत और दक्षिण व मध्य एशिया मामलों के लिए विशेष दूत नियुक्त कर रहा हूं।
उन्होंने आगे कहा कि दुनिया के सबसे ज्यादा आबादी वाले क्षेत्र के लिए मेरे पास ऐसा व्यक्ति होना जरूरी है, जिस पर मैं पूरी तरह भरोसा कर सकूं और जो मेरे एजेंडे को आगे बढ़ाने में मदद करे। ट्रंप ने कहा कि सर्जियो वही व्यक्ति हैं जो हमारे ‘मेक अमेरिका ग्रेट अगेन’ मिशन को आगे ले जाएंगे।
सर्जियो ट्रंप के अच्छे सहयोगियों में एक : ट्रंप ने आगे लिखा कि सर्जियो मेरे अच्छे दोस्त हैं, जो कई वर्षों से मेरे साथ हैं। उन्होंने मेरे ऐतिहासिक चुनाव अभियानों में काम किया, मेरी किताबें प्रकाशित कीं और हमारे आंदोलन को समर्थन देने वाला बड़ा सुपर पीएसी भी चलाया। उन्होंने कहा कि गोर सीनेट से मंजूरी मिलने तक अपनी वर्तमान भूमिका में बने रहेंगे। बता दें कि गोर इस समय व्हाइट हाउस के प्रेसिडेंशियल पर्सनल ऑफिस के निदेशक हैं और अब उन्हें दक्षिण और मध्य एशिया मामलों के विशेष दूत की भूमिका भी दी जाएगी।
टैरिफ के चलते अमेरिका-भारत रिश्तों में तनाव : बता दें कि सर्जियो गोर ऐसे समय में भारत के लिए नामित हुए हैं, जब अमेरिका और भारत के संबंध काफी तनावपूर्ण हो गए हैं। ट्रंप ने पहले ही भारत से आने वाले कुछ उत्पादों पर 25% अतिरिक्त शुल्क लगाया था और अब इसे 27 अगस्त से 50% करने की योजना है। ट्रंप का कहना है कि यह भारत द्वारा रूस से तेल खरीद बढ़ाने की सजा है।
ट्रंप प्रशासन का भारत पर आरोप : ट्रंप प्रशासन का आरोप है कि भारत, रूस-यूक्रेन युद्ध के दौरान सस्ता रूसी तेल खरीदकर मुनाफाखोरी कर रहा है, जो अमेरिका को स्वीकार्य नहीं है। अमेरिकी वित्त मंत्री स्कॉट बेसेंट ने भी हाल ही में भारत की आलोचना करते हुए कहा कि ये रवैया अस्वीकार्य है।
गौरतलब है कि रूस से सबसे ज्यादा तेल खरीदने वाले चीन पर ट्रंप ने अभी तक ऐसा कोई टैरिफ नहीं लगाया है। भारत और अमेरिका के बीच द्विपक्षीय व्यापार का आकार 190 अरब डॉलर से ज्यादा है, लेकिन कृषि और डेयरी क्षेत्र खोलने पर सहमति न बनने से दोनों देशों के बीच टैरिफ वार्ता टूट गई है।