टोरंटो : कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी ने मंगलवार को अपने मंत्रिमंडल में बड़ा फेरबदल किया है। कार्नी ने भारतवंशी अनीता आनंद को बड़ी जिम्मेदारी है। आनंद को विदेश मंत्री बनाया गया है। अनीता आनंद ने पहले भी कनाडा सरकार में रक्षा मंत्री सहित कई भूमिकाएं निभा चुकी हैं। वे मौजूदा विदेश मंत्री मेलानी जोली की जगह लेंगीं।
इसके अलावा फ्रांस्वा-फिलिप शैम्पेन वित्त मंत्री बने रहेंगे। वहीं डॉमिनिक लेब्लांक को कनाडा और संयुक्त राज्य अमेरिका के बीच व्यापार युद्ध के समय अमेरिकी व्यापार और अंतर-सरकारी व्यापार मंत्री बनाए गए हैं। पूर्व पत्रकार इवान सोलोमन को कृत्रिम बुद्धिमत्ता मंत्री बनाया गया है। इसके साथ ही नए मंत्रिमंडल से 10 से अधिक लोगों को बाहर कर दिया गया। इसमें पूर्व रक्षा मंत्री बिल ब्लेयर भी शामिल हैं। डेविड मैकगिन्टी सार्वजनिक सुरक्षा से रक्षा में चले गए हैं।
मंत्रिमंडल में आधी सदस्य महिलाएं हैं, जैसा कि ट्रूडो के मंत्रिमंडल में भी था। कार्नी ने कहा कि नया मंत्रिमंडल कनाडावासियों की इच्छा और जरूरत के मुताबिक बदलाव लाने के लिए बनाया गया है। लिबरल सरकार अपने चौथे कार्यकाल में है। पिछले दिनों मार्क कार्नी ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से कनाडा के प्रति दिखाई गई आक्रामकता का सामना करने का वादा करके प्रधानमंत्री का पद हासिल किया है।
अनीता आनंद ट्रूडो मंत्रिमंडल में परिवहन और आंतरिक व्यापार मंत्री थीं। वह कनाडा की रक्षा मंत्री रह चुकी हैं। अनीता का जन्म 1967 में नोवा स्कोटिया में भारतीय माता-पिता के घर हुआ था, जो दोनों चिकित्सा पेशेवर थे। उनकी मां सरोज पंजाब से और पिता एस.वी. आनंद तमिलनाडु से थे। अनीता टोरंटो विश्वविद्यालय में कानून की प्रोफेसर रह चुकी हैं। उन्होंने टोरंटो के पास ओकविले से 2019 में सांसद का चुनाव लड़ा और जीत गईं। इसके बाद उनको सार्वजनिक सेवा और खरीद मंत्री के रूप में चुना गया था।
कोविड महामारी के दौरान उन्होंने टीके खरीदने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। रक्षा मंत्री रहते हुए उन्होंने यूक्रेन की भी मदद की। साथ ही अनीता ने व्यापक शोध के साथ एयर इंडिया जांच आयोग की सहायता की। आयोग ने 23 जून 1985 को एयर इंडिया कनिष्क उड़ान 182 की बमबारी की जांच की, जिसमें सभी 329 लोग मारे गए थे। ये मामला खालिस्तानियों से जुड़ा था।