गुवाहाटी : असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने एक आयोजन में वामपंथी और उदारवादी को हिंदुओं और हिंदुत्व के लिए सबसे बड़ा खतरा बताया है. तुष्टिकरण की राजनीति करने वालों पर वार करते हुए सरमा ने दो टूक कहा, ‘मुस्लिम समुदाय या ईसाई कभी भी हिंदुओं के लिए खतरा नहीं हैं, हिंदुओं को कमजोर करने वाले कुछ लोग हिंदू समुदाय के भीतर हैं, उनकी पहचान करने की जरूरत है.
वामपंथी और उदारवादी सबसे ज्यादा खतरनाक-सरमा : सरमा ने यहां एक निजी संगठन द्वारा आयोजित एक पुरस्कार समारोह को संबोधित करते हुए कहा, ‘मेरा मानना है कि वामपंथी और उदारवादी हिंदुओं के लिए सबसे बड़ा खतरा हैं.’ असम के मुख्यमंत्री ने कहा, ‘पश्चिम बंगाल में हिंदुओं को कमजोर करना ममता बनर्जी को वामपंथियों और उदारवादियों से विरासत में मिला है. लेकिन किसी को यह याद रखना चाहिए कि भारत की सभ्यता 5,000 साल से अधिक पुरानी है और इसकी शुरुआत 1947 में देश की आजादी के साथ नहीं हुई थी.’
‘स्वाभाविक रूप से धर्मनिरपेक्ष’ : सरमा ने अपने संबोधन में कहा, भारत एक स्वाभाविक रूप से धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र है. किसी को इसे सहिष्णुता और भाईचारे के गुण सिखाने की ज़रूरत नहीं है. अपनी बात के समर्थन से जुड़ा एक वीडियो उन्होंने अपने एक्स हैंडल पर साझा किया था. सरमा ने यह भी कहा, ‘अगर राहुल गांधी या ममता बनर्जी सोचते हैं कि हिंदुओं का अस्तित्व खत्म हो जाएगा, तो उन्हें पता होना चाहिए कि हिंदू हमेशा रहेंगे.’ सरमा ने दावा किया, असम में, हिंदुओं का प्रतिशत घटकर 58 प्रतिशत हो गया है, जबकि पश्चिम बंगाल में, अपने समुदाय का प्रतिशत लगभग 65 प्रतिशत हो सकता है. ये चिंतन का विषय है.
‘हिंदू सभ्यता बनीं रहेगी-फलती फूलती रहेगी’ : उन्होंने जोर देकर कहा कि हिंदू सभ्यता बनी रहेगी और फलती-फूलती रहेगी. सरमा ने कहा कि नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्रित्व काल में भारत सभी क्षेत्रों में फल-फूल रहा है. राम मंदिर 500 साल बाद बनाया जा चुका है. अब मौजूदा वक्फ कानून को खत्म करने का समय आ गया है. जल्द ही यह काम भी हो जाएगा. तीन तलाक पहले ही खत्म हो चुका है, देश में समान नागरिक संहिता आने के संकेत दिख चुके हैं.’
कई सभ्यता आईं और गईं लेकिन हिंदू सभ्यता बरकरार रही-सरमा : उन्होंने दावा किया कि मोदी के सत्ता में आने के बाद भारत का पुनरुत्थान शुरू हुआ, देश अर्थव्यवस्था, वित्त से लेकर विज्ञान तक सभी क्षेत्रों में आगे बढ़ रहा है. सरमा ने कहा कि आजादी के बाद पाकिस्तान एक इस्लामिक गणराज्य बन गया, लेकिन भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश बन गया क्योंकि इसकी हजारों साल पुरानी सभ्यता हमेशा इसी तरह से जीवित रही है. उन्होंने कहा, कई सभ्यताएं आईं और गईं, लेकिन हिंदू सभ्यता बरकरार रही.