नई दिल्ली : मुगल शासक औरंगजेब की कब्र का काउंटडाउन शुरू हो गया है. क्रूर औरंगजेब की कब्र का भारत में क्या काम. ये सवाल उठाते हुए मथुरा के संतों ने औरंगजेब की कब्र पर बुलडोज़र चलाने की मांग की है. फैसला महाराष्ट्र सरकार या भारत सरकार को लेना है. लेकिन मुस्लिमों वोट बैंक की खातिर कुछ पार्टियां औरंगजेब को महान बताने में जुट गई है.
मुगल शासक औरंगजेब के ख़िलाफ़ आक्रोशित साधु-संतों को किसी भी कीमत पर उसकी कब्र मंजूर नहीं है. इसलिए वो चाहते हैं कि महाराष्ट्र की सरकार औरंगजेब के मकबरे पर बुलडोज़र चलाकर उसके उन जुल्मों का हिसाब कर दें. उस वहशी दरिंदे औरंगजेब ने हिंदुओं के मंदिर तोड़े. लाखों हिंदुओं के खून बहाए. ऐसे में अब उसकी कब्र को साधु संत किसी भी सूरत में देखना नहीं चाहते हैं. वो चाहते हैं कि महाराष्ट्र में देवेंद्र फडणवीस की सरकार उसकी कब्र को उखाड़ फेंके.
साधु-संतों को ये लगता है कि महाराष्ट्र के औरंगाबाद जिले में औरंगजेब का जो मकबरा है. वो देश के लिए कलंक है. इसलिए क्रूरता का जो महिमामंडन उसके मकबरे से किया जा रहा है. उसपर फौरन लगाम लगे. महाराष्ट्र की सियासत में औरंगजेब एक ऐसा नाम है. जिसको लेकर वहां की पार्टियों में सियासी युद्ध वर्षों से चला आ रहा है.
मुस्लिमों की सियासत के दम पर विधानसभा पहुंचे समाजवादी पार्टी के विधायक को तो औरंगजेब में अमन का चेहरा नज़र आता है. वहीं बीजेपी ने औरंगजेब की पैरवी करने वाले अबु आजमी को औरंगजेब फैन क्लब का मेंबर बताकर हमला किया है. पार्टी प्रवक्ता शहजाद पूनावाला का कहना है कि जिस-जिस को औरंजगेब में अच्छाई दिखती हो. उसे औरंगजेब का इतिहास ज़रूर जान लेना चाहिए.
हिंदुओं-सिखों पर चुन-चुनकर ढहाए जुल्म : क्रूर शासक औरंगजेब ने अपने शासन में हिंदुओं पर जुल्म किए. उसने बड़ी संख्या में हिंदू मंदिरों को तहस-नहस किया था. जिसमें मथुरा और काशी विश्वनाथ मंदिर का शामिल रहा. औरंगजेब ने ही गैर मुस्लिमों यानी हिंदुओं-सिखों से जजिया कर वसूलना शुरू किया था. औरंगजेब ने शरीयत पर आधारित फतवा-ए-आलमगीरी लागू किया था. सिखों के गुरु तेग बहादुर की हत्या भी उसी के आदेश पर की गई थी. लेकिन शिवाजी हो या संभाजी, मराठाओं ने औरंगजेब की दमनकारी नीति का जमकर विरोध किया.
‘मुगलों का महिमामंडन बंद किया जाए’ : औरंगजेब से जुड़े इतिहास के इन्हीं काले अध्याय को देखकर साधु-संतों के दिल में पीड़ा है. वो चाहते हैं कि सनातन को जिसने मिटाने की कोशिश की. उसका न सिर्फ कब्र तोड़ा जाए बल्कि उसके नाम पर बनी शहर- सड़कों के नाम भी फौरन बदल दिए जाएं. आज़ादी के बाद जो इतिहास लोगों को पढ़ाया गया उससे भी संत समाज आक्रोशित है. कांग्रेस पर आरोप लगाते हुए संतों का कहना है कि इतिहास की किताबों में औरंगजेब का महिमामंडन किया गया है, उसे तुरंत बदला जाए.
औरंगजेब के मकबरे पर बुलडोजर की मांग करके संत समाज जहां फिर से सनातन धर्म के गौरव की स्थापना की बात कर रहा है. वहीं सियासत कुछ ऐसी है कि महाराष्ट्र में कई दलों को औरंगजेब में मुस्लिम वोटों का अक्स दिखता है. इसलिए वो औरंगजेब को मसीहा मानने से पीछे हटने का जोखिम नहीं ले सकते.