बलूचिस्तान : बलूचों पर शहबाज-मुनीर सेना का कहर जारी, एक का अपहरण और दूसरे की हत्या

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नई दिल्ली : पाकिस्तान में बलूचों पर शहबाज और मुनीर की सेना का कहर जारी है. जब बलूचों की आवाज को पाकिस्तानी सेना दबा नहीं पाई तो जुल्म पर उतर आई. इस बीच बलूचिस्तान के मानवाधिकार संगठन बलूच यकजेहती समिति (बीवाईसी) ने मंगलवार को पाकिस्तान की कानून प्रवर्तन एजेंसियों (एलईए) और फ्रंटियर कोर की ओर से बलूच राजनीतिक नेता गनी बलूच को जबरन गायब किए जाने की कड़ी निंदा की. उन्हें क्वेटा से एक सार्वजनिक वाहन से कराची जाते समय बलूचिस्तान में खुजदार के पास पाकिस्तानी सेना के जवानों ने जबरन उतारा और तब से वह गायब हैं.

परिवार, पार्टी को नहीं दी कोई जानकारी : बीवाईसी ने कहा कि गनी, जो बलूचिस्तान की नेशनल डेमोक्रेटिक पार्टी (एनडीपी) की केंद्रीय आयोजन समिति के सदस्य हैं, वह लापता हैं और उनके परिवार, कानूनी प्रतिनिधियों या पार्टी के सदस्यों को इसके बारे में अब तक कोई जानकारी नहीं दी गई है.

पाकिस्तान की भयावह रणनीति : बीवाईसी के जारी बयान में कहा गया, “गनी न केवल एक राजनीतिक कार्यकर्ता हैं, बल्कि क्वेटा में रहने वाले एक बुक पब्लिशर भी हैं और बलूच राजनीतिक और मानवाधिकारों के वकील हैं. उनको जबरन गायब करना बलूच युवाओं, बुद्धिजीवियों और राजनीतिक आवाजों को निशाना बनाने वाले एक अभियान का हिस्सा है. इसके साथ ही यह शांतिपूर्ण आवाजों को दबाने और विरोध की आवाज को मिटाने के लिए पाकिस्तान की अपनाई गई रणनीति है. यह घटना अकेली नहीं है. यह बलूचिस्तान में जबरन गायब किए जाने और राजनीतिक दमन की व्यापक पाकिस्तानी नीति का प्रतीक है, जो अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार कानून का स्पष्ट उल्लंघन है.”

अजीज बलूच का बरामद हुआ था शव : पाकिस्तानी सेना की ‘किल एंड डंप’ नीति और जबरन गायब किए जाने की एक और घटना पर बीवाईसी ने सोमवार को कहा था कि 23 मई की रात को, बलूचिस्तान के अवारन जिले के जाहू में तब्बू कद इलाके के निवासी हनीफ अजीज बलूच को अर्धसैनिक बलों सहित पाकिस्तानी कानून प्रवर्तन एजेंसियों ने जबरन उसके घर से अगवा कर लिया था और उसका शव 24 घंटे से भी कम समय बाद फेंका हुआ मिला.

बीवाईसी ने एक बयान में कहा “उसकी लाश पर क्रूर यातना और गोली के घाव के स्पष्ट निशान थे. यह जघन्य हत्या कोई अकेली घटना नहीं है. यह जबरन गायब किए जाने और चुन-चुनकर की जा रही हत्याओं का तेजी से बढ़ता प्रसार है जो वर्तमान में अवारन को तबाह कर रही है. हाल के दिनों में, इस क्षेत्र में सैन्य अभियानों, गायब किए जाने और हत्याओं में खतरनाक इजाफा दर्ज की गई है, क्योंकि पाकिस्तानी सेना अपने कुख्यात ‘मार डालो और फेंक दो’ सिद्धांत पर वापस लौट रही है.”

पूरी प्लानिंग के साथ होता है काम : बयान में कहा गया, ” ये ऑपरेशन अक्सर स्थानीय मौत दस्तों के साथ समन्वय में किए जाते हैं. जिसमें राज्य समर्थित सेना और आतंकी शामिल होते हैं. जिन्हें अपहरण, निगरानी और हत्या का काम सौंपा जाता है. पाकिस्तानी सेना और खुफिया तंत्र के पूर्ण समर्थन के साथ, ये दस्ते भयमुक्त होकर इस तरह के काम को करते हैं, निहत्थे नागरिकों को आतंकित करते हैं और असहमति जताने वाले किसी भी व्यक्ति को मार देते हैं.”

यह दोहराते हुए कि पाकिस्तान दुनिया की ओर से किसी भी जवाबदेही के बिना बलूचिस्तान में मानवीय कानून के हर मानक का उल्लंघन करना जारी रखता है, बीवाईसी ने संयुक्त राष्ट्र, अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार संगठनों से इस मामले की तुरंत जांच करने और कार्रवाई करने का आह्वान किया.

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