नई दिल्ली/ढाका : बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने बुधवार को अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना के नेतृत्व वाली अवामी लीग पार्टी के छात्र संगठन बांग्लादेश छात्र लीग (बीसीएल) पर प्रतिबंध लगा दिया है। यह प्रतिबंध आतंकवाद विरोधी अधिनियम के तहत लगाया गया है। यह आदेश मंगलवार को भेदभाव विरोधी छात्र आंदोलन के प्रदर्शनकारियों द्वारा बांग्लादेश के संविधान को रद्द करने, राष्ट्रपति शहाबुद्दीन को हटाने और छात्र लीग पर प्रतिबंध लगाने सहित पांच सूत्री मांग रखने के एक दिन बाद आया है।
गृह मंत्रालय के सार्वजनिक सुरक्षा विभाग के वरिष्ठ सचिव मोहम्मद अब्दुल मोमन द्वारा हस्ताक्षरित एक अधिसूचना में कहा गया है कि आवामी लीग सरकार के तहत पिछले 15 वर्षों में छात्र संगठन हत्या, बलात्कार, यातना, छात्रावासों में उत्पीड़न और निविदा में हेरफेर जैसी गतिविधियों में शामिल रहा है। इस बात के पर्याप्त सबूत हैं कि अवामी लीग सरकार के पतन के बाद भी छात्र संगठन ने राज्य के खिलाफ साजिश, विनाशकारी और उकसावे वाली गतिविधियों में शामिल होना जारी रखा है।
भेदभाव विरोधी आंदोलन के दौरान बीसीएल नेताओं ने किए हमले : अधिसूचना में कहा गया है कि भेदभाव विरोधी आंदोलन के दौरान, बीसीएल नेताओं और कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शनकारी छात्रों और आम जनता पर हथियारों से हमला किया, जिसमें सैकड़ों निर्दोष लोगों की मौत हो गई और कई लोगों की जान खतरे में पड़ गई।
तत्काल प्रभाव से लागू होगा प्रतिबंध : नतीजतन, अंतरिम सरकार ने बांग्लादेश छात्र लीग पर आतंकवाद विरोधी अधिनियम, 2009 की धारा 18(1) के तहत प्रतिबंध लगा दिया है। अधिसूचना में कहा गया है कि यह प्रतिबंध तत्काल प्रभाव से लागू होगा।
भेदभाव विरोधी छात्र आंदोलन के समन्वयक नुसरत तबस्सुम ने कहा, ‘बांग्लादेश और ढाका विश्वविद्यालय अब कलंक से मुक्त हैं। हम अंतरिम सरकार को धन्यवाद देना चाहते हैं।’