नई दिल्ली/ढाका : बांग्लादेश में 2013 के शाहबाग आंदोलन के दौरान बनाए गए एक ढांचे को गिरा दिया गया है। यह ढांचा बांग्लादेश मुक्ति संग्राम की भावना और युद्ध अपराधियों को सजा दिलाने की मांग का प्रतीक माना जाता था।
‘ढाका ट्रिब्यून’ अखबार के मुताबिक, प्रोजोन्मो चत्तर नाम का यह ढांचा शनिवार तड़के गिरा दिया गया। शाहबाग के थाना प्रभारी खालिद मंसूर ने पुष्टि की कि इस ढांचे को बांग्लादेश के आवास और लोक निर्माण मंत्रालय ने हटाया है। प्रोजोन्मो चत्तर के एक हिस्से को पूरी तरह से तोड़ दिया गया है।
अखबार के मुताबिक, इलाके में मौजूद कई चाय बेचने वालों ने बताया कि यह ढांचा आधी रात के बाद बुलडोजर की मदद से तोड़ा गया। खालिद मंसूर ने बताया कि यह ढांचा जिस मंत्रालय के तहत आता है, उसी ने इसे गिराया है। उन्होंने कहा कि उन्हें इस बात की जानकारी नहीं है कि ढांचा क्यों गिराया गया।
मंसूर ने बताया, मंत्रालय ने मुझे पहले से सूचना दी थी, ताकि किसी तरह की भीड़ न जुट सके। किसी तरह का विरोध नहीं हुआ। उन्होंने आगे बताया कि मंत्रालय ने उन्हें यह भी बताया है कि इसी जगह पर जुलाई में हुए आंदोलन से जुड़ा ढांचा बनाया जाएगा।
पिछले साल जुलाई में बांग्लादेश में छात्रों के नेतृत्व में एक बड़ा आंदोलन हुआ था। संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार कार्यालय की रिपोर्ट के अनुसार, इसमें करीब 1,400 लोगों की मौत हुई थी। इस आंदोलन के बाद तत्कालीन प्रधानमंत्री शेख हसीना को पद छोड़ना पड़ा और वह पांच अगस्त को देश से भाग गई थीं।