नई दिल्ली/ढाका : बांग्लादेश में राष्ट्रपति मोहम्मद शहाबुद्दीन के हालिया बयान के बाद प्रदर्शनकारियों ने उनके इस्तीफे की मांग की है। राष्ट्रपति शहाबुद्दीन ने कहा था कि उनके पास शेख हसीना के इस्तीफे के दस्तावेजी सबूत नहीं हैं।
प्रदर्शनकारियों ने मंगलवार को राष्ट्रपति भवन पर धावा बोलने की कोशिश की। इस दौरान पुलिस की प्रदर्शनकारियों के साथ झड़प हुई। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को बंगभवन में प्रवेश करने से रोकने के लिए साउंड ग्रेनेड का भी प्रयोग किया। उपद्रवियों को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने गोलियां भी चलाईं। अस्पताल के सूत्रों के मुताबिक, दो लोग गोली लगने से घायल हुए और एक व्यक्ति साउंड ग्रेनेड से घायल हुआ है। बता दें कि साउंड ग्रेनेड से तेज ध्वनि करके भीड़ को तितर-बितर किया जाता है। इसके इस्तेमाल से असहनीय आवाज होती है।
इस बीच प्रदर्शनकारियों को शांत करने के लिए सेना को भी हस्तक्षेप करना पड़ा। सेना ने लाउडस्पीकर का प्रयोग कर प्रदर्शनकारियों को बंग भवन छोड़ने का अनुरोध किया। तब जाकर स्थिति नियंत्रण में आई।
सूत्रों के अनुसार, प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रपति शहाबुद्दीन के इस्तीफे की मांग करते हुए केंद्रीय शहीद मीनार के सामने रैली की। जिसमें राष्ट्रपति को हटाने के लिए सात दिन का समय दिया गया। प्रदर्शनकारियों ने बांग्लादेश के 1972 के संविधान को रद्द करने सहित पांच सूत्रीय मांग रखी। प्रदर्शन में प्रमुख ढाका विश्वविद्यालय परिसर, शहीद मीनार और बंगभवन में भेदभाव विरोधी छात्र आंदोलन के साथ-साथ विभिन्न बैनरों के तहत कई अन्य समूह शामिल हुए।
भेदभाव विरोधी छात्र आंदोलन के समन्वयकों में से एक हसनत अब्दुल्ला ने कहा कि पांच सूत्रीय मांग के तहत हमारा पहला बिंदु मुजब समर्थक (बांग्लादेश के संस्थापक नेता) 1972 के संविधान को तत्काल रद्द करना है, जिसने राष्ट्रपति को कार्यालय में रखा था। अब्दुल्ला ने कहा कि 1972 के संविधान को 2024 के जन विद्रोह की पृष्ठभूमि में एक नया संविधान लिखकर बदलना होगा। अगर सरकार इस सप्ताह तक मांगों को पूरा करने में विफल रही तो प्रदर्शनकारी पूरी ताकत के साथ सड़कों पर लौट आएंगे।
इससे पहले, बांग्लादेश के राष्ट्रपति मोहम्मद शहाबुद्दीन ने एक साक्षात्कार में कहा था कि उनके पास पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के इस्तीफे का कोई दस्तावेजी सबूत नहीं है। उन्होंने कहा कि उन्हें यह सुनने में आया था कि हसीना ने इस्तीफा दे दिया है। कई प्रयासों के बावजूद, वह कोई दस्तावेज ढूंढने में असफल रहे। राष्ट्रपति ने कहा कि शायद उनके पास समय नहीं था।
राष्ट्रपति के इस बयान के बाद कानूनी सलाहकार डॉ. आसिफ नजरूल ने कहा था कि उनका यह बयान अपने आप में विरोधाभासी है, क्योंकि उन्होंने पहले कहा था कि हसीना ने इस्तीफा दे दिया है।
हसीना की कट्टर प्रतिद्वंद्वी और पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया की बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) ने भी राष्ट्रपति पर झूठ बोलने का आरोप लगाया था। बीएनपी ने कहा था राष्ट्रपति ने बांग्लादेश के प्रधानमंत्री के रूप में हसीना के इस्तीफे के बारे में राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में झूठ बोला।
बीएनपी के उपाध्यक्ष जैनुल आबेदीन ने कहा था कि राष्ट्रपति ने एक विशिष्ट एजेंडे के साथ सरकार के गठन के दो महीने बाद यह बयान दिया। राष्ट्रपति ने झूठ बोला है।