बांग्लादेश : महिलाओं पर हमले-बलात्कार की घटनाओं में वृद्धि, 8 साल की बच्ची से दरिंदगी; सड़कों पर उतरे लोग

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नई दिल्ली/ढाका : बांग्लादेश में महिलाओं पर हो रहे हमलों और बलात्कार की बढ़ती घटनाओं के खिलाफ पूरे देश में विरोध प्रदर्शन तेज हो गए हैं. इस बीच मोहम्मद यूनुस की अंतरिम सरकार ने ऐलान किया है कि ऐसे मामलों की जांच तेज की जाएगी और सुनवाई में होने वाली देरी को रोका जाएगा.

बलात्कार के मामलों में सख्त कार्रवाई का दावा : सरकार के विधि सलाहकार आसिफ नजरुल ने कहा कि एक नया कानून लाने की योजना बनाई जा रही है. जिसके तहत बलात्कार के मामलों की जांच 15 दिनों के भीतर पूरी करनी होगी. जबकि अदालत में सुनवाई 90 दिनों के अंदर खत्म करनी होगी. उन्होंने स्पष्ट किया कि यदि मुकदमा 90 दिनों में पूरा नहीं होता है तो आरोपी को जमानत नहीं मिलेगी. इसके अलावा अगर जांच में कोई लापरवाही सामने आती है तो जिम्मेदार अधिकारियों को भी सजा देने का प्रावधान जोड़ा जाएगा.

8 साल की बच्ची से दरिंदगी : यह घोषणा एक हृदय विदारक घटना के बाद आई है. जहां मगुरा जिले में एक आठ साल की बच्ची पर उसकी बहन के ससुर ने कथित रूप से बर्बर हमला किया और उसके साथ बलात्कार किया. इस घटना के बाद पूरे देश में गुस्सा फूट पड़ा और बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए.

महिलाओं पर हमलों की घटनाएं बढ़ीं : हाल के दिनों में बांग्लादेश में सड़कों पर महिलाओं पर हमले और यौन उत्पीड़न की घटनाओं में बढ़ोतरी देखी गई है. रमजान से पहले ढाका में सार्वजनिक रूप से धूम्रपान करने के कारण दो महिलाओं की पिटाई की गई. जिसके बाद सोशल मीडिया पर यह मुद्दा तेजी से उठा और सरकार को इस पर संज्ञान लेना पड़ा.

अपराधियों पर कड़ी कार्रवाई होगी : गृह मामलों के सलाहकार सेवानिवृत्त लेफ्टिनेंट जनरल जहांगीर आलम चौधरी ने कहा कि उन्होंने कानून प्रवर्तन एजेंसियों को महिलाओं और बच्चों के खिलाफ हो रहे अपराधों पर तत्काल सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं. इसके साथ ही, उन्होंने देशभर में अब तक हुई यौन हिंसा की घटनाओं की लिस्ट तैयार करने का भी आदेश दिया है. सरकार ने यह भी घोषणा की कि हर जिले में डीएनए फोरेंसिक प्रयोगशाला स्थापित की जाएगी. ऐसा इसलिए ताकि बलात्कार के मामलों में डीएनए रिपोर्ट मिलने में देरी न हो और पीड़ितों को जल्द न्याय मिल सके.

नए कानून से मिलेगी महिलाओं को सुरक्षा? : वर्तमान कानून के तहत बलात्कार के मामलों की जांच 30 दिनों में पूरी होनी चाहिए और अदालत को 180 दिनों में फैसला सुनाना चाहिए. हालांकि अक्सर देरी की वजह से पीड़ितों को न्याय मिलने में सालों लग जाते हैं. बांग्लादेश में बलात्कार के दोषियों को अधिकतम मौत की सजा देने का प्रावधान है. लेकिन अमल में देरी होने से अपराधियों को सजा मिलने में बाधा आती है.

सड़कों पर उतरे लोग : रविवार को आम नागरिकों, छात्रों और महिलाओं ने देशभर में प्रदर्शन किए और सरकार से महिला सुरक्षा के लिए ठोस कदम उठाने की मांग की. सरकार ने जनता को भरोसा दिलाया है कि कानून सख्त होगा और महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए हर संभव कदम उठाए जाएंगे. अब देखना यह है कि ये नए कानून और नीतियां कितना असर दिखाती हैं और महिलाओं को न्याय दिलाने में कितनी कारगर साबित होती हैं.

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