नई दिल्ली : भारत में रह रहे अवैध प्रवासियों पर इन दिनों सरकार सख्त नजर आ रही है. बता दें कि 7 मई 2025 को ऑपरेशन सिंदूर के बाद से तकरीबन 2000 अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों को प्रशासन की ओर से वापस बॉर्डर भेज दिया गया है. इन प्रवासियों को देशभर में सत्यापन अभियान के तहत देश से निकाला गया है.
वापस भेजे जा रहे अवैध प्रवासी : TOI’ की एक रिपोर्ट के मुताबिक इस अवधि के दौरान देश से बाहर निकाले जाने के डर से कुछ अवैध प्रवासी खुद ही भारत-बांग्लादेश बॉर्डर के पास पहुंच गए. सूत्रों के मुताबिक सरकार अवैध प्रवासियों को लेकर असम, मेघालय और त्रिपुरा में कार्रवाई कर रही है. वहीं लोगों को वापस भेजने की शुरुआत गुजरात से ही हुई थी. वहीं दिल्ली और हरियाणा से भी बड़ी मात्रा में अप्रवासियों को वापस भेजा गया है. बाकी असम, राजस्थान और महाराष्ट्र से आए हैं.
पहलगाम आतंकी हमले के बाद से शुरू हुई प्रक्रिया : बता दें कि पहलगाम आतंकी हमले के बाद से यह प्रक्रिया शुरू कर दी गई थी. वहीं ऑपरेशन सिंदूर के बाद इसमें तेजी लाई गई. अवैध अप्रवासियों को उनके डॉक्यूमेंट्स का सत्यापन करवाने के बाद उन्हें पकड़कर वापस भेजा जा रहा है. गुजरात, दिल्ली और हरियाणा के बाद अन्य राज्यों में भी यह जल्द शुरू होने वाला है. इसको लेकर गृह मंत्रालय की ओर से स्पष्ट आदेश दिया गया है.
वायुसेना के विमानों से सीमा तक लाया जा रहा : ‘TOI’ कि रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि इन अवैध अप्रवासियों को भारतीय वायुसेना के विमानों से कई जगहों से उठाकर सीमा पार लाया जा रहा है. वहां इन्हें अस्थायी शिविरों में रखने के लिए BSF को सौंपा जा रहा है. इन अवैध अप्रवासियों को खाने और जरूरत पड़ने पर बांग्लादेशी करेंसी दी जाती है और कुछ घंटों की हिरासत के बाद उन्हें वापस उनके देश छोड़ दिया जाता है.
डर के मारे खुद वापस जा रहे बांग्लादेशी : एक अधिकारी के मुताबिक अवैध बांग्लादेशियों के खिलाफ एक्शन के बाद से अब तक 2,000 बांग्लादेशी अपनी इच्छा से बॉर्डर पार करने के लिए आए हैं. अधिकारी के मुताबिक मीडिया के कार्रवाई के बारे में बड़े पैमाने पर रिपोर्टिंग के कारण हिरासत के डर से कुछ अवैध बांग्लादेशी अप्रवासी अपनी इच्छा से देश छोड़ रहे हैं.