जमुई : बिहार में शराबबंदी कानून को लेकर अक्सर सवाल उठते रहे हैं, लेकिन शुक्रवार को जमुई कोर्ट में जो दृश्य सामने आया, उसने न सिर्फ कानून व्यवस्था बल्कि न्यायपालिका की गरिमा पर भी सवाल खड़े कर दिए। जेल में बंद एक कैदी की शराब पीने की चाहत को पूरा करने के लिए उसका दोस्त सीधे अदालत परिसर में शराब की बोतल लेकर पहुंच गया और पेशी के दौरान ही अपने मित्र को जाम परोसने लगा। हालांकि वक्त रहते पुलिस की नजर पड़ गई और युवक को शराब के साथ रंगेहाथ गिरफ्तार कर लिया गया।
शराब और कोल्ड ड्रिंक मिलाकर बना रहा था ‘पानी’ : जानकारी के मुताबिक, घटना जमुई कोर्ट परिसर स्थित एडीजे-2 की अदालत के बाहर की है। यहां जेल में बंद कैदी ऋषि कुमार की पेशी होनी थी, जो अवैध निकासी और पंचायती राज पदाधिकारी से मारपीट के मामले में आरोपी है। इसी मामले में पहले गिरफ्तार हुआ आशीष रंजन उर्फ गांधी, जो अब जमानत पर बाहर है, भी अपनी पेशी पर कोर्ट पहुंचा था। पुलिस के मुताबिक, आशीष एक बोतल में शराब और दूसरी में स्प्राइट लेकर आया था। अदालत के बाहर उसने प्लास्टिक के गिलास में दोनों मिलाकर ‘पानी’ के रूप में ऋषि को पिलाने की कोशिश की।
पुलिस को हुआ शक, जांच में निकली शराब की सच्चाई : शुरुआत में लोगों को लगा कि वह कैदी को सिर्फ पानी पिला रहा है, लेकिन जब पास खड़े पुलिसकर्मियों को गंध से शक हुआ तो बोतल की जांच की गई। पुष्टि के लिए गिलास में मौजूद तरल को एक अन्य व्यक्ति को पिलाया गया, जिसने पीते ही उल्टी कर दी और बताया कि उसमें शराब है। इसके बाद तुरंत आशीष रंजन उर्फ गांधी को गिरफ्तार कर लिया गया और उसे थाने ले जाया गया।
पहले भी जा चुका है जेल, अब फिर गिरफ्त में : गिरफ्तार युवक आशीष रंजन जमुई जिले के सोनो थाना क्षेत्र के ओलीपुर गांव का निवासी है। वह पहले भी उसी केस में जेल जा चुका है, जिसमें ऋषि कुमार फिलहाल बंद है। बीपीआरओ उपेंद्र कुमार वर्मा से मारपीट के मामले में दोनों के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई थी। आशीष को बाद में जमानत मिल गई थी, लेकिन उसने कानून को धता बताते हुए कोर्ट परिसर में ही शराब पिलाने की हरकत कर डाली।
एसडीपीओ ने दी जानकारी, दर्ज हो रही प्राथमिकी : घटना की पुष्टि करते हुए एसडीपीओ सतीश सुमन ने बताया कि आरोपी को शराब के साथ गिरफ्तार किया गया है। उसके खिलाफ बिहार मद्य निषेध एवं उत्पाद अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच की जा रही है कि शराब कोर्ट परिसर तक कैसे पहुंची और इसमें कहीं कोई लापरवाही तो नहीं हुई।
कोर्ट परिसर की सुरक्षा व्यवस्था पर भी संदेह : इस घटना ने न सिर्फ शराबबंदी कानून के क्रियान्वयन पर सवाल खड़े किए हैं, बल्कि कोर्ट परिसर की सुरक्षा व्यवस्था पर भी चिंता जताई जा रही है। जिस जगह न्याय की उम्मीद लेकर लोग आते हैं, वहां खुलेआम शराब पीने की कोशिश प्रशासन के लिए चिंता का विषय है। लोगों ने मांग की है कि कोर्ट परिसर में सुरक्षा को और मजबूत किया जाए ताकि ऐसी शर्मनाक घटनाएं दोबारा न हों।