पटना : बिहार में इसी साल होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए तैयारियां शुरू हो चुकी है. प्रदेश के मुसलमानों पर अपनी पकड़ को और मजबूत बनाने के लिए राजद ने अपने अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ में बुधवार (20 अगस्त) को बड़ा बदलाव कर दिया है. पूर्व केंद्रीय मंत्री अली अशरफ फातमी को अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया गया है. पार्टी ने बुधवार को अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ की नई पदाधिकारियों की सूची जारी कर दी है. पार्टी ने इस विंग आठ राष्ट्रीय उपाध्यक्ष, 14 राष्ट्रीय महासचिव, 24 राष्ट्रीय सचिव और 31 राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य नियुक्त किए हैं. कमेटी में सीवान के सांसद रहे दिवंगत बाहुबली नेता मोहम्मद शहाबुद्दीन की पत्नी हिना शहाब को भी बड़ी अहम जिम्मेदारी दी गई है.
शहाबुद्दीन की पत्नी हिना शहाब को राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाया गया है. हिना शहाब के अलावा फैयाज अहमद, मो. फैसल अली, मो. शहनवाज, मो. जावेद इकबाल अंसारी, मो. सैयद अबु दोजाना, मो. इसराइल मंसुरी एवं डॉ आयशा फातिमा को भी राष्ट्रीय उपाध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी गई है. वहीं डॉ. शमीम अहमद, मो. अख्तरूल इस्लाम शाहीन, मो. इंजार नईमी, मो. साउद आलम, मो. इजहार आसफी, मो. युसुफ सलाउदीन, डॉ. एमएम हसन, राष्ट्रीय महासचिव सह प्रवक्ता नियुक्त किया गया है.
कौन हैं अली अशरफ फातमी? : दरभंगा से आने वाले अली अशरफ फातमी का राजनीतिक सफर भी दिलचस्प रहा है. उन्होंने छात्र जीवन से ही राजनीति में कदम रखा और अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में जनरल सेक्रेटरी बने. फिर रोजी-रोटी के लिए सऊदी चले गए. वहां दिल नहीं लगा तो 1989 में वापस भारत आ गए. अली अशरफ पहले ने लालू यादव के साथ अपने राजनीतिक करियर को शुरू किया था. वह पहली बार 1991 में जनता दल के टिकट पर दरभंगा लोकसभा सीट से चुनाव लड़े थे और जीते. 1996 और 1998 में भी दरभंगा से सांसद चुने गए, लेकिन 1999 में बीजेपी के कीर्ति आजाद से उन्हें हार का सामना करना पड़ा था. 2004 में फिर से सांसद चुने जाने पर यूपीए सरकार में केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय के राज्य मंत्री बने. 2017 में तेजस्वी यादव से अनबन होने पर जेडीयू ज्वाइन कर ली. लोकसभा चुनाव 2024 से पहले फिर राजद में वापसी की और लालटेन निशान पर मधुबनी से चुनाव भी लड़े, लेकिन हार गए.