नई दिल्ली : पाकिस्तान अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है. इस देश में खाने के लाले पड़े हैं पर ये टिप्पणी करने से नहीं थकते हैं. इन्हें क्या करना है कैसे करना है इसकी समझ बिल्कुल भी नहीं है बस ये भारत की कॅापी करने में लगे रहते हैं. भारत की तरह पाकिस्तान ने भी अपने नेताओं को विदेश भेजा है. ऐसे में पाकिस्तान पीपल्स पार्टी (पीपीपी) के प्रमुख और पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी ने बुधवार को अमेरिका में प्रेस ब्रीफिंग में कहा कि भारत में मुसलमानों को शैतान बनाया जा रहा है. हालांकि इस टिप्पणी के बाद उन्हें आलोचनाओं के सामना करना पड़ रहा है.
कार्यक्रम में बोलते हुए उन्होंने कहा कि कश्मीर में हाल ही में हुए आतंकवादी हमले का इस्तेमाल भारत में मुसलमानों को शैतान बनाने के लिए एक राजनीतिक हथियार के रूप में किया जा रहा है. जब उन्होंने ये टिप्पणी की तो एक जर्नलिस्ट ने उनकी इस बात का खंडन किया और कहा कि मैंने दोनों पक्षों की ब्रीफिंग देखी है और जहां तक मुझे याद है, भारतीय पक्ष की ब्रीफिंग मुस्लिम भारतीय सैन्य अधिकारी कर रहे थे. इस पर असहजता दिखाते हुए जरदारी ने स्वीकार करते हुए कहा कि जहां तक ऑपरेशन का सवाल है, आप बिल्कुल सही हैं.
जर्नलिस्ट ने ऑपरेशन सिंदूर की ब्रीफिंग में कर्नल सोफिया कुरैशी की मौजूदगी को लेकर उनकी बात का खंडन किया. ऑपरेशन सिंदूर के बाद प्रेस ब्रीफिंग में कर्नल सोफिया कुरैशी, विंग कमांडर व्योमिका सिंह और विदेश सचिव विक्रम मिस्री शामिल थे. भारत ने इस ऑपरेशन के तहत पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों को तबाह किया था. जिसमें कई आतंकी मारे गए थे. इसकी जानकारी इन अधिकारियों ने दी थी.
वहीं ऑपरेशन सिंदूर आउटरीच के लिए सभी दलों के प्रतिनिधिमंडल की सदस्य प्रियंका चतुर्वेदी ने लंदन में बोलते हुए भारत और पाकिस्तान के बीच एक बड़ा अंतर बताया. शिवसेना (यूबीटी) नेता ने कहा कि भारत वैश्विक व्यापार और कूटनीति पर ध्यान केंद्रित करता है लेकिन इस्लामाबाद लगातार आतंकवाद को एक उपकरण के रूप में इस्तेमाल कर रहा है. उन्होंने कहा, “हमने जी-20 की बहुत सफल अध्यक्षता की. हम जी-20 की मेजबानी करते हैं, जबकि पाकिस्तान टी-20 की मेजबानी करता है, जिसमें दुनिया के शीर्ष 20 आतंकवादी शामिल होते हैं. उन्होंने आगे कहा कि “शीर्ष आतंकवादियों को पाकिस्तानी राज्य सरकार द्वारा पनाह दी जाती है. यह उनकी घोषित नीति है.