भारत ने हवाई क्षेत्र में अदृश्य रहने वाले फाइटर प्लेन F-35 को किया ‘बेबस’, ब्रिटेन की रॉयल नेवी में ‘टेंशन’ 

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नई दिल्ली : जिस फाइटर प्लेन F-35 पर ब्रिटेन इतराता है, वो बीते 6 दिनों से केरल के तिरुवनंतपुरम एयरपोर्ट पर ‘बेबस’ खड़ा है. तकनीकी गड़बड़ी के चलते इस विमान को यहां इमरजेंसी लैंडिंग करनी पड़ी. अब तक इस समस्या को दूर नहीं किया जा सका है. भारत ने इस प्लेन को खुले की बजाए हैंगर में सुरक्षित रखना का रॉयल नेवी को ऑफर दिया, जिसे उसने ठुकरा दिया है. रॉयल नेवी इस विमान को गेम चेंजर मानती है, ऐसे में उसे डर है कि हैंगर में रखने पर उसकी कोई भी तकनीक लीक न हो जाए.

केरल में इमरजेंसी लैंडिग की थी : HMS Prince of Wales कैरियर स्ट्राइक ग्रुप के F-35 B  विमान को भारतीय सेना ने सुरक्षा कारणों के चलते केरल में उतरने की इजाजत दी थी. शुरू में माना जा रहा था कि विमानवाहक जहाज से उड़ान भरे इस विमान में ईंधन की कमी या किसी अन्य तकनीकी कारण के चलते इसे इमरजेंसी लैंडिंग करनी पड़ी थी. विमान में फ्यूल भरने के बाद भी ये उड़ान के लायक तैयार नहीं है. अब इसमें हाइड्रोलिक फेल्योर की आशंका जताई जा रही. इसी के चलते तब से ये बेहद अत्याधुनिक विमान एयरपोर्ट पर ऐसे ही खड़ा है. ऐसे विमानों के लिए स्पेशल इंजीनियर और उपकरण होते हैं. लेकिन यहां इसका कोई बेस न होने के चलते ऐसी कोई मदद नहीं की जा सकती है.

हैंगर में विमान खड़ा करने का ऑफर ठुकराया : भारत ने विमान को अपने हैंगर में खड़ा करने का रॉयल नेवी का ऑफर दिया है. लेकिन सूत्रों के मुताबिक ब्रिटिश आर्मी ने ये ऑफर ठुकरा दिया. ब्रिटिश आर्मी को ये डर है कि हैंगर में खड़ा करने से इस नई पीढ़ी के विमान की तकनीक लीक हो सकती है. लिहाजा एहतियातन उसने विमान को हैंगर की जगह खुले में ही खड़ा रखने का अनुरोध किया है. साथ ही ये भी मांग की है कि विमान को 24 घंटे कैमरे की नजर में रखा जाए ताकि ये सुनिश्चित हो सके कि कोई भी विमान के करीब ना जा सके. इस जेट की सुरक्षा के लिए CISF के साथ  Mahindra Marksman (LMV) को तैनात किया गया है. रक्षा सूत्रों के मुताबिक अगर विमान की दिक्कत दूर न हुई तो मिलिट्री एयरक्राफ्ट में इसे ले जाया जाएगा.

तकनीक लीक होने का डर : ब्रिटेन की ये मांग करने की वजह साफ है. ब्रिटेन, अमेरिका, फ्रांस, जर्मनी जैसे मुल्कों के पास अत्याधुनिक विमान हैं. ऐसे विमानों से जुड़ी छोटी से छोटी बात कोई भी देश किसी से शेयर तक नहीं करता. किसी दूसरे मुल्क में विमान को यूं ही छोड़ना तो बड़ी बात है. ब्रिटेन का ये जहाज आपातकालीन परिस्थिति में यहां पहुंचा है. ऐसे में ब्रिटेन इस बात की तसल्ली चाहता है कि उसके विमान की कोई भी तकनीक किसी भी तरह से लीक न हो.

गेम चेंजर प्लेन मानती है रॉयल नेवी : ब्रिटेन की रॉयल नेवी फोर्स के लिए ये विमान बेशकीमती है. युद्ध में इसे ब्रिटिश आर्मी अपने लिए गेम चेंजर मानती है, ठीक वैसे ही जैसे भारत के लिए राफेल या तेजस. ब्रिटेन का दावा है कि ये विमान बगैर किसी रडार में नजर आए दुश्मन के इलाके में घुस सकता है. हालांकि भारतीय वायुसेना की इंटीग्रेटेड एयर कमांड एंड कंट्रोल सिस्टम (IACCS) ने इसे रडार पर डिटेक्ट कर लिया था.  F-35 विमान ने हाल में इंडो-पैसिफिक में भारत और ब्रिटेन के साझा नौसेना अभ्यास में भी शामिल हुआ था.

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