Burkina Faso : जिहादी संगठन का सैन्य अड्डों और जिबो शहर पर हमला, 100 से अधिक लोगों की मौत

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नई दिल्ली/बामाको : उत्तरी बुर्किना फासो में एक जिहादी संगठन ने सैन्य अड्डों और जिबो शहर सहित कई स्थानों पर हमला किया। हमले में 100 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई। मरने वालों में ज्यादातर सैनिक थे। एक सहायता कर्मी और स्थानीय लोगों ने सोमवार (स्थानीय समयानुसार) को हमले की जानकारी दी।

बुर्किना फासो के सबसे प्रभावित इलाकों में काम करने वाले एक सहायता कर्मी ने बताया कि रविवार तड़के सैन्य अड्डे और जिबो शहर सहित कई स्थानों पर हमला हुआ। एक छात्रा ने बताया कि इस हमले में उसके पिता की भी मौत हो गई। सुरक्षा के डर से नाम न बताने की शर्त पर बात की।

जिहादी संगठन जेएनआईएम ने ली हमले की जिम्मेदारी : इस हमले की जिम्मेदारी अल-कायदा से जुड़े जिहादी संगठन जमात नस्र अल-इस्लाम वाल-मुस्लिमीन ने ली, जिसे जेएनआईएम के नाम से भी जाना जाता है। ये संगठन साहेल इलाके में सक्रिय है।

बुर्किना फासो की कमान सैन्य जुंटा के हाथ में : बुर्किना फासो अब सैन्य जुंटा द्वारा संचालित है। देश की आबादी 23 मिलियन है। यह देश अफ्रीका के साहेल क्षेत्र में आता है, जो आतंकवाद और हिंसा से सबसे बुरी तरह से प्रभावित है। 2022 में दो बार तख्तापलट की वजह भी हिंसा ही थी, जिसके परिणामस्वरूप बुर्किना फासो का लगभग आधा हिस्सा सरकार के नियंत्रण से बाहर हो चुका है। सुरक्षा बलों पर भी कानून से बाहर हत्याओं के आरोप लगे हैं।

हमले से पहले लड़ाकों ने जिबो की सभी प्रवेश चौकियों पर कब्जा किया : सहायता कर्मी और साहेल पर ध्यान केंद्रित करने वाले एक स्वतंत्र विश्लेषक चार्ली वेर्ब ने बताया कि रविवार (स्थानीय समयानुसार) सुबह 6 बजे कई जगहों पर एक साथ हमला शुरू हुआ। सहायता कर्मी ने कहा, ‘जेएनआईएम के लड़ाकों ने बुर्किना फासो की वायु सेना को तितर-बितर करने के लिए एक साथ आठ जगहों पर हमला किया। सबसे बड़ा हमला जिबो में हुआ, जहां जेएनआईएम के लड़ाकों ने सैन्य शिविरों और आतंकवाद निरोधी इकाई के शिविर पर हमला किया। इससे पहले लड़ाकों ने शहर की सभी प्रवेश चौकियों पर कब्जा कर लिया।’

जेएनआईएम पहले से ज्यादा ताकतवर और सक्रिय : विश्लेषक वेर्ब ने आगे कहा कि हमलावरों ने बुर्किना फासो की सेना से हवाई सहायता के बिना कई घंटे तक इलाके पर कब्जा करके रखा। हालांकि, इससे पहले जिबो पर इसी जगह हुए हमलों में सुरक्षा बलों ने चरमपंथियों को पीछे खदेड़ दिया था।

सौफान सेंटर सुरक्षा थिंक टैंक में सहेल विशेषज्ञ वसीम नस्र ने कहा कि रविवार सुबह किया गया हमला यह दर्शाता है कि बुर्किना फासो में जेएनआईएम पहले से ज्यादा ताकवर और सक्रिय है। उन्होंने कहा कि जिबो जैसे शहर को निशाना बनाना इस बात का संकेत है कि अब यह संगठन देश के अंदर आसानी से घूम-फिर सकता है। विश्लेषकों ने चेतावनी दी है कि सैन्य जुंटा की रणनीति, जिसमें अप्रशिक्षित आम नागरिकों को मिलिशिया बनाकर भर्ती किया जा रहा है, ने अंतर-जातीय तनाव को बढ़ा दिया है।

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