केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में अहम फैसले; झरिया कोल फील्ड के लिए मास्टर प्लान, पुणे मेट्रो फेज-2 को मंजूरी

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नई दिल्ली : केंद्र सरकार ने मंगलवार को कैबिनेट बैठक में तीन अहम फैसलों पर मुहर लगाई। आपातकाल की 50वीं बरसी के मौके पर कैबिनेट ने एक प्रस्ताव पास किया। इस प्रस्ताव में 1975 में लगे आपातकाल को ‘लोकतंत्र की हत्या’ बताया गया और इसकी कड़ी निंदा की गई है। इसके साथ ही आगरा में एक अंतरराष्ट्रीय आलू केंद्र बनाने और पुणे मेट्रो के फेज-2 को मंजूरी दी गई। इसके अलावा केंद्रीय मंत्रिमंडल ने अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला के अंतरिक्ष मिशन के सफल प्रक्षेपण का स्वागत करते हुए प्रस्ताव पारित किया।

आपातकाल की 50वीं बरसी के मौके पर कैबिनेट में प्रस्ताव पास : केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने मंगलवार को कैबिनेट ब्रीफिंग के दौरान आपातकाल की घोषणा के 50 वर्ष पूर्ण होने पर केंद्रीय मंत्रिमंडल का प्रस्ताव पढ़ा।

”प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आज केंद्रीय मंत्रिमंडल ने आपातकाल से लड़ने वाले अनगिनत लोगों के बलिदानों का स्मरण करने का संकल्प लिया। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने संविधान की हत्या के प्रयास को असफल करने वाले इन प्रजातंत्रों के प्रति सम्मान व्यक्त किया। संविधान पर यह प्रहार 1974 में नवनिर्माण आंदोलन और संपूर्ण क्रांति अभियान को कुचलने के कठोर प्रयास के साथ शुरू हुआ था।

आज केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में गणतंत्र के इन सभी वीरों के अद्वितीय साहस और बलिदान के प्रति श्रद्धांजलि के लिए 2 मिनट मौन रखा गया। यह श्रद्धांजलि उन सभी नागरिकों के लिए भी है जिनके संविधान प्रदत्त लोकतांत्रिक अधिकार छीन लिए गए और जिन्हें अकल्पनीय यातनाओं का सामना करना पड़ा।

वर्ष 2025 ‘संविधान हत्या दिवस’ की 50वीं वर्षगांठ है। यह भारतीय इतिहास का एक अविस्मरणीय अध्याय था। आपातकाल में संविधान को कुचलने का प्रयास किया गया, भारत की लोकतांत्रिक भावना पर हमला किया गया, और संघवाद को नष्ट किया गया। मौलिक अधिकार, मानवीय स्वतंत्रता और गरिमा को भी खत्म किया गया।

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने वरिष्ठ नागरिकों के साथ-साथ युवाओं को भी इन लोकतंत्र सेनानियों से सीखने का आह्वान किया। इन वीरों ने तानाशाही प्रवृत्तियों का विरोध किया और हमारे संविधान एवं लोकतांत्रिक भावना की दृढ़ता से रक्षा की। लोकतंत्र की जननी के रूप में भारत, संवैधानिक मूल्यों के संरक्षण, सुरक्षा और रक्षा का प्रतीक है।”

पुणे मेट्रो रेल परियोजना चरण-2 को मंजूरी : केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि कैबिनेट ने पुणे मेट्रो रेल परियोजना चरण-2 को मंजूरी दी: वनज से चांदनी चौक (कॉरिडोर 2ए) और रामवाड़ी से वाघोली/विट्ठलवाड़ी (कॉरिडोर 2बी), मौजूदा पुणे मेट्रो चरण-1 (वनज-रामवाड़ी) का विस्तार है। ये दो एलिवेटेड कॉरिडोर 12.75 किलोमीटर तक फैले होंगे और इनमें 13 स्टेशन शामिल होंगे, जो चांदनी चौक, बावधन, कोथरुड, खराडी और वाघोली जैसे तेजी से विकसित हो रहे उपनगरों को जोड़ेंगे। परियोजना को चार साल के भीतर पूरा करने की योजना है।

झरिया कोल फील्ड के लिए मास्टर प्लान :  सरकार ने झारखंड के कोयला क्षेत्र झरिया में भूमिगत आग से निपटने और प्रभावित परिवारों के पुनर्वास के लिए बुधवार को 5,940 करोड़ रुपये के संशोधित झरिया मास्टर प्लान (जेएमपी) को मंजूरी दी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में इस फैसले को मंजूरी दी गई। संशोधित योजना के कार्यान्वयन के लिए कुल वित्तीय परिव्यय 5,940.47 करोड़ रुपये है।संशोधित मास्टर प्लान में प्रभावित क्षेत्रों से पुनर्वासित किए जा रहे परिवारों के लिए सतत आजीविका सृजन पर विशेष बल दिया गया है। इसके तहत लक्षित कौशल विकास कार्यक्रम चलाए जाएंगे और पुनर्वास वाले परिवारों की आर्थिक आत्मनिर्भरता सुनिश्चित करने के लिए आय-सृजन के अवसर भी पैदा किए जाएंगे।

झारखंड के धनबाद जिले में आग, भूस्खलन और पुनर्वास से निपटने के लिए झरिया मास्टर प्लान को केंद्र सरकार ने अगस्त, 2009 में मंजूरी दी थी। इसकी कार्यान्वयन अवधि 10 वर्ष और कार्यान्वयन-पूर्व अवधि दो वर्ष रखी गई थी। इसपर 7,112.11 करोड़ रुपये का अनुमानित निवेश किया गया था। हालांकि, पिछली मास्टर प्लान योजना वर्ष 2021 में खत्म हो गई थी।

आगरा में अंतरराष्ट्रीय आलू केंद्र : कैबिनेट ने उत्तर प्रदेश के आगरा के सिंगना में अंतरराष्ट्रीय आलू केंद्र (सीआईपी) के दक्षिण एशिया क्षेत्रीय केंद्र की स्थापना को मंजूरी दी गई है। इसके लिए 111.5 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता दी जाएगी। मुख्य उद्देश्य खाद्य एवं पोषण सुरक्षा, किसानों की आय और रोजगार सृजन को बढ़ाना है। भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा आलू उत्पादक राज्य है। उत्तर प्रदेश सबसे बड़ा आलू उत्पादक राज्य है।

सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में यह निर्णय लिया गया। एक आधिकारिक बयान के अनुसार, इस निवेश का मुख्य उद्देश्य आलू तथा शकरकंद की उत्पादकता, कटाई के बाद प्रबंधन एवं मूल्य संवर्धन में सुधार करके खाद्य तथा पोषण सुरक्षा, किसानों की आय और रोजगार सृजन को बढ़ाना है। आलू क्षेत्र में उत्पादन, प्रसंस्करण, पैकेजिंग, परिवहन, विपणन और मूल्य श्रृंखला में रोजगार के महत्वपूर्ण अवसर उत्पन्न करने की क्षमता है।

इसमें कहा गया, इस क्षेत्र में अपार संभावनाओं का पता लगाने के लिए अंतरराष्ट्रीय आलू केंद्र (सीआईपी) का दक्षिण एशिया क्षेत्रीय केंद्र उत्तर प्रदेश के आगरा के सिंगना में स्थापित किया जा रहा है। भारत आलू के सबसे बड़े उत्पादकों में से एक है। वैष्णव ने बताया कि क्षेत्रीय केंद्र में अनुसंधान बीज उत्पादन, कीट प्रबंधन, टिकाऊ उत्पादन और किसानों के प्रशिक्षण पर केंद्रित होगा। उत्तर प्रदेश सरकार ने पहले ही अनुसंधान केंद्र के लिए 10 एकड़ जमीन आवंटित कर दी है। पेरू के लीमा स्थित मुख्यालय वाला अंतरराष्ट्रीय आलू केंद्र (सीआईपी) आलू, शकरकंद और ‘एंडियन’ जड़ों (देशी तथा पारंपरिक जड़ वाली फसल) और कंदों के अनुसंधान एवं विकास पर ध्यान केंद्रित करता है।

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