कनाडा : भारत ने नए उच्चायुक्तों को नियुक्त करने पर जताई सहमति, जी-7 में मिले मोदी और मार्क कार्नी 

Canada-India-G7-Summit

नई दिल्ली/टोरंटो : पीएम मोदी और मार्क कार्नी की मुलाकात के दौरान भारत और कनाडा ने नए उच्चायुक्तों को नियुक्त करने पर सहमति जताई है। दोनों देश फिर से सामान्य राजनयिक सेवाएं शुरू करने के लिए नए उच्चायुक्त नियुक्त करेंगे। इससे दोनों देशों के नागरिकों और व्यापारियों को फायदा होगा।

कनाडा के प्रधानमंत्री के कार्यालय द्वारा जारी एक बयान में कहा गया है कि कार्नी और मोदी ने आपसी सम्मान, कानून के शासन और संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के सिद्धांत के प्रति प्रतिबद्धता के आधार पर कनाडा-भारत संबंधों के महत्व की पुष्टि की। दोनों नेताओं ने नागरिकों और व्यवसायों को नियमित सेवाएं बहाल करने के उद्देश्य से नए उच्चायुक्तों को नामित करने पर सहमति व्यक्त की है। दोनों नेताओं ने आपसी सम्मान, कानून के शासन और संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के सिद्धांत के प्रति प्रतिबद्धता पर आधारित कनाडा-भारत संबंधों के महत्व की पुष्टि की।

विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने दी जानकारी : वहीं, विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने भी  प्रधानमंत्री मोदी और कनाडाई प्रधानमंत्री कार्नी की मुलाकात के बारे में जानकारी दी है। उन्होंने कहा कि दोनों देशों के प्रमुख इस महत्वपूर्ण रिश्ते में स्थिरता बहाल करने के लिए संतुलित कदम उठाने पर सहमत हुए। इनमें से पहला कदम जो तय हुआ वह था एक दूसरे की राजधानियों में जल्द से जल्द उच्चायुक्तों की बहाली। उन्होंने बताया कि अन्य कूटनीतिक कदम भी समय के साथ उठाए जाएंगे।

विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने प्रधानमंत्री मोदी और कनाडाई प्रधानमंत्री कार्नी की बैठक पर कहा कि दोनों प्रधानमंत्रियों ने व्यापार, लोगों के बीच संपर्क और कनेक्टिविटी से संबंधित कई क्षेत्रों में वरिष्ठ और कार्यकारी स्तर के तंत्र और चर्चाओं को फिर से शुरू करने पर भी सहमति व्यक्त की। उन सभी का उद्देश्य संबंधों को और अधिक गति प्रदान करना था। दोनों नेताओं ने स्वच्छ ऊर्जा, स्वच्छ प्रौद्योगिकी, डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर, AI, खाद्य सुरक्षा, महत्वपूर्ण खनिजों और आपूर्ति श्रृंखलाओं से संबंधित कई मुद्दों पर संभावित सहयोग पर भी चर्चा की।

व्यापार, लोगों के बीच संपर्क और कनेक्टिविटी को शुरू करने पर भी सहमति : विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने प्रधानमंत्री मोदी और कनाडाई प्रधानमंत्री कार्नी की बैठक पर कहा कि दोनों प्रधानमंत्रियों ने व्यापार, लोगों के बीच संपर्क और कनेक्टिविटी से संबंधित कई क्षेत्रों में वरिष्ठ और कार्यकारी स्तर के तंत्र और चर्चाओं को फिर से शुरू करने पर भी सहमति व्यक्त की। उन सभी का उद्देश्य संबंधों को और अधिक गति प्रदान करना था। दोनों नेताओं ने स्वच्छ ऊर्जा, स्वच्छ प्रौद्योगिकी, डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर, AI, खाद्य सुरक्षा, महत्वपूर्ण खनिजों और आपूर्ति श्रृंखलाओं से संबंधित कई मुद्दों पर संभावित सहयोग पर भी चर्चा की।

कार्नी को चुनाव में शानदार जीत की दी बधाई : इससे पहले, अपने कनाडाई समकक्ष के साथ वार्ता के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मार्क कार्नी को चुनाव में शानदार जीत के लिए बधाई दी। उन्होंने कहा कि भारत और कनाडा के संबंध कई मायनों में बहुत महत्वपूर्ण हैं। कनाडा की अनेक कंपनियों का भारत में निवेश है। भारत के लोगों का भी कनाडा की धरती पर बहुत बड़ा निवेश है।

लोकतांत्रिक मूल्यों को समर्पित कनाडा और भारत को मिलकर लोकतंत्र को मजबूत करना होगा, मानवता को मजबूत करना होगा। पीएम मोदी ने कहा कि उन्हें भरोसा है कि दोनों नेता मिलकर भारत-कनाडा संबंधों को और आगे बढ़ा सकते हैं। उन्होंने कहा, ‘भारत-कनाडा के बीच संबंध बहुत अहम हैं, और हमें कई क्षेत्रों में मिलकर ऐसे कदम उठाने चाहिए जिनसे दोनों देशों को लाभ हो। गौरतलब है कि मई 2025 में कार्नी के पदभार ग्रहण करने के बाद से दोनों नेताओं के बीच यह पहली मुलाकात थी।

पीएम मोदी की मेजबानी करना सम्मान की बात : बैठक से पहले कनाडाई प्रधानमंत्री मार्क कार्नी ने कहा कि जी7 सम्मेलन में पीएम मोदी की मेजबानी करना सम्मान की बात है। उन्होंने कहा कि भारत 2018 से जी-7 सम्मेलनों में भाग लेता आ रहा है, जो भारत की भूमिका और नेतृत्व को दर्शाता है। कार्नी ने कहा कि वे ऊर्जा सुरक्षा, बदलाव, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, आतंकवाद और दूसरे मुद्दों पर भारत के साथ मिलकर काम करने को तैयार हैं।

बीते साल निज्जर की हत्या को लेकर बिगड़ गए थे संबंध : गौरतलब है कि बीते साल कनाडा में सिख चरमपंथी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के बाद से दोनों देशों के संबंधों में खटास आ गई थी। उस समय के कनाडाई पीएम जस्टिन ट्रूडो ने निज्जर की हत्या के लिए भारत पर आरोप लगाए थे। दोनों देशों में स्थिति तब और बिगड़ गई जब कनाडा ने भारतीय उच्चायुक्त और अन्य राजनयिकों को खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की कथित हत्या की जांच से जोड़ा। इसके बाद कनाडा ने उच्चायुक्त संजय वर्मा तथा अन्य राजनयिकों को “पर्सन ऑफ इंटरेस्ट” घोषित किया।

इसके बाद भारत ने भी प्रतिक्रिया देते हुए बीते वर्ष अक्टूबर में छह कनाडाई राजनयिकों को निष्कासित कर दिया। और अपने उच्चायुक्त संजय वर्मा तथा अन्य लक्षित अधिकारियों को कनाडा से वापस बुला लिया था। भारत ने ओटावा के उन आरोपों को दृढ़तापूर्वक खारिज कर दिया था, जिनमें उच्चायुक्त को सिख चरमपंथी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या की जांच से जोड़ा गया था। इससे दोनों देशों के बीच पहले से ही खराब चल रहे संबंधों में और गिरावट आई थी।

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