नई दिल्ली : उत्तराखंड में इस महीने के अंत से चारधाम यात्रा शुरू हो जाएगी. इसके लिए देशभर से लाखों यात्री बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं. चारधाम यात्रा को देखते हुए उत्तराखंड में जगह-जगह ढाबे भी अपनी तैयारी में जुटे हुए हैं. लेकिन यात्रियों की चिंता कुछ और है. वे चारधाम यात्रा के रूट पर पड़ने वाले होटल-ढाबों की सही पहचान स्पष्ट करने की मांग कर रहे हैं. जिससे वे वहां पर भोजन करने या न करने पर फैसला कर सकें.
दावा है कि चार धाम यात्रा पर ऐसे होटल और भोजनालय हैं. जिनके नाम से उनकी पहचान नहीं हो पाती. लेकिन उनके मालिक गैर हिंदू होते हैं. वहां पर शाकाहार के साथ ही मांसाहार भोजन भी बनाया जाता है. इसी आशंका को लेकर उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने एक बड़ा ऐलान किया है. उन्होंने सभी होटल-ढाबों से अपने मालिक का नाम स्पष्ट करने को कहा है.
सीएम के इस ऐलान के बाद जी न्यूज रिपोर्टर्स उस चार धाम यात्रा के रूट पर निकले. जहां मुस्लिम मालिकों के असली पहचान न लिखने के दावे किए गए थे. हमने चार धाम यात्रा पर कथित फर्जीवाड़े का रिएलटी चेक कर असलियत जानी.
आज से 25 दिन बाद यानी 30 अप्रैल से चार धाम यात्रा शुरु हो जाएगी. यात्रा मार्ग पर होटल्स और ढाबों की असल पहचान जानने के लिए ज़ी न्यूज रिपोर्टर सबसे पहले उस जगह पहुंचे, जिसे चार धाम यात्रा का महत्वपूर्ण पड़ाव कहा जाता है यानी धर्मनगरी हरिद्वार.
चार धाम यात्रा के श्रद्धालुओं का एक बड़ा हिस्सा दिल्ली हरिद्वार रूट से ही गुजरता है. ज़ी न्यूज रिपोर्टर्स को अपनी तफ्तीश में हरिद्वार में सबसे पहले मिला न्यू स्टार होटल.
दिल्ली-हरिद्वार हाईवे पर बने न्यू स्टार होटल पर जब हम पहुंचे तो हमने पेमेंट के लिए स्कैनर पूछा ताकि ये पता चल सके कि होटल का मालिक कौन है. इस होटल पर पेमेंट के लिए स्कैनर नहीं था लेकिन स्टाफ से बातचीत में कुछ बातें शीशे की तरह साफ हो गईं.
बातचीत से पता चला कि होटल के मालिक का नाम इंतजार हुसैन है. लेकिन होटल का नाम ऐसा है जिससे पता नहीं चलता कि मालिक हिंदू है या मुसलमान. आज के दौर में जब फल सब्जी वाले तक क्यू आर कोड रखते हैं. लेकिन होटल पर क्यू आर कोड नहीं था. जिससे शक पैदा हुआ कि क्या होटल मालिक अपनी पहचान छिपाना चाहता है.
होटल के स्टाफ ने बताया कि पहले यहां हिंदू धर्म से जुड़े झंडे भी होते थे, जिससे श्रद्धालु इसे हिंदू होटल समझकर भोजन करने आते थे. तो क्या हिंदू धर्म से जुड़े झंडे लगाकर हिंदुओं को गुमराह करने की कोशिश की जाती थी. इन्हीं सवालों के साथ ज़ी न्यूज रिपोर्टर का इस हाइवे पर सफर आगे बढ़ा और सफर की अगली मंजिल बना पुंडीर ढाबा.
‘पुंडीर ढाबे’ पर पहुंचकर जब हमने रिएलटी चेक के लिए स्कैनर मांगा तो स्कैनर मिला. स्कैन करने पर नाम आया बबली. जो होटल संचालक महावीर की पत्नी का नाम था. क्यू आर कोड स्कैन करने से पता चल गया. इस होटल पर मालिक की पहचान नहीं छिपाई गई थी.
होटल के मालिक जोगिंदर ने बातचीत में बताया कि कई ग्राहक ऐसे भी आते हैं, जो मालिक का नाम पूछते हैं ताकि उन्हें पता चल सके कि होटल में नॉनवेज तो नहीं बनता और खाना सात्विक या शुद्ध है या नहीं. ‘न्यू स्टार होटल’ पर सवाल खड़े हुए. पुंडीर ढाबे को कसौटी पर कसा गया तो वो खरा निकला.
हम आगे बढ़े और नजर आया एक और होटल, जिसका नाम था ‘किसान द फैमिली ढाबा’. न्यू स्टार की तरह ये नाम भी कोई साफ संकेत नहीं दे रहा था तो हमने दोबारा पेमेंट के लिए क्यू आर कोड मांगा. होटल पर क्यू आर कोड था लेकिन नाम आ रहा था होटल का. इसीलिए हमने होटल पर मौजूद लोगों से बातचीत की. इसके बाद सच्चाई सामने आ गई.
न्यू स्टार होटल की तरह…किसान ढाबे का मालिक भी एक मुसलमान था. जिसका नाम है जुबैर अहमद. न्यू स्टार होटल की तरह किसान ढाबे पर भी पहले हिंदू झंडे लगे थे, जो अब हटा दिए गए हैं.
हमारे रिएलटी चेक में जिन ढाबों और होटल्स की तफ्तीश की गई, उनमें से कुछ ऐसे निकले जिनके मालिक तो मुसलमान थे. लेकिन उन्होंने नाम ऐसे रखे थे, जो मुस्लिम होने का इशारा नहीं देते थे. इसी वजह से सवाल उठ रहे हैं. नाम बदलने या पहचान छिपाने का मकसद क्या है. क्या ये नाम सिर्फ इत्तेफाक हैं या इनके पीछे कोई और मकसद है.
बताते चलें कि चारधाम यात्रा 2025, 30 अप्रैल को गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट खुलने के साथ शुरू होगी, जबकि केदारनाथ धाम के कपाट 2 मई और बद्रीनाथ धाम के कपाट 4 मई को खुलेंगे.